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पाकिस्तान में मारे गए सिख नेता की हत्या का सच!

पाकिस्तान मारे गए प्रमुख सिख नेता सरदार सूरन सिंह हत्याकांड में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इसमें बलदेव कुमार और नजीम आलम नामक दो शख्स शामिल हैं. बलदेव की सोरन सिंह के साथ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता थी. उसने हत्यारे को एक लाख रुपये की सुपारी दी थी. पुलिस इस मामले में आगे की छानबीन कर रही है. 

सिख नेता सरदार सूरन सिंह सिख नेता सरदार सूरन सिंह
मुकेश कुमार
  • इस्लामाबाद,
  • 25 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 4:07 PM IST

पाकिस्तान मारे गए प्रमुख सिख नेता सरदार सूरन सिंह हत्याकांड में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इसमें बलदेव कुमार और नजीम आलम नामक दो शख्स शामिल हैं. बलदेव की सोरन सिंह के साथ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता थी. उसने हत्यारे को एक लाख रुपये की सुपारी दी थी. पुलिस इस मामले में आगे की छानबीन कर रही है.  

जानकारी के मुताबिक, तहरीक-ए-इंसाफ के नेता और स्वात जिले के पाषर्द अल्पसंख्यक नेता बलदेव कुमार और सिख नेता सरदार सूरन सिंह के बीच काफी दिनों से राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता चल रही थी. इसी वजह से बलदेव ने सूरन सिंह की हत्या का प्लान बनाया. इसके लिए बाकयादा हत्यारे को एक लाख रुपये की सुपारी भी दी थी.

पाकिस्तानी तालिबान ने सूरन सिंह की हत्या की जिम्मेदारी ली थी. उनकी शुक्रवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने एक बयान में कहा था कि उसके विशेष कार्यबल के निशानेबाज ने सरदार सूरन सिंह को उनके घर के पास बूनेर जिले में सफलतापूर्वक निशाना बनाया.

बताते चलें कि सोरन सिंह ने 2011 में तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ज्वाइन की थी. वह खैबर पख्तूनख्वाह असेंबली के भी सदस्य होने के साथ पेशे से डॉक्टर थे. उन्होंने तीन साल तक पश्तो के एक टीवी चैनल के लिए भी काम किया था. वह सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तहसील काउंसिल और इवेक्वी प्रॉपर्टी बोर्ड के मेंबर भी थे.

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