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पुलवामा हमले में NIA को मिली दूसरी सफलता, आरोपी बाप-बेटी गिरफ्तार

पिछले साल जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमला मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दो और लोगों को गिरफ्तार किया है. सूत्रों का कहना है कि पुलवामा हमले में शामिल होने के आरोप में बाप-बेटी को गिरफ्तार किया गया है.

पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ काफिले को बनाया था निशाना पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ काफिले को बनाया था निशाना
कमलजीत संधू
  • नई दिल्ली,
  • 03 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 2:11 PM IST

  • पुलवामा मामले में यह दूसरी गिरफ्तारी
  • 28 फरवरी को हुई थी पहली अरेस्टिंग

पिछले साल जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमला मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दो और लोगों को गिरफ्तार किया है. सूत्रों ने बताया कि पुलवामा हमले में शामिल होने के आरोप में बाप-बेटी को गिरफ्तार किया गया है. अब तक इस मामले में तीन गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. पुलवामा हमले में 40 जवानों की जान चली गई थी.

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इससे पहले, जांच एजेंसी ने 28 फरवरी को इस मामले में पहली गिरफ्तारी की थी. NIA ने आतंकी और जैश-ए-मोहम्मद के ओवर ग्राउंड वर्कर शाकिर बशीर मागरे को कश्मीर से गिरफ्तार किया था. शाकिर ने आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार को शरण और अन्य सहायता दी थी. शाकिर पुलवामा का ही रहने वाला है और उसकी फर्नीचर की दुकान है.

ये भी पढ़ेंः पुलवामा हमले का मददगार एक साल बाद गिरफ्तार, हमलावर आदिल को शरण देने का आरोप

आदिल अहमद डार ही वो आतंकी था जो कार में सवार होकर सुरक्षाबल के काफिले में जा घुसा था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. शाकिर ने खुलासा किया कि उसने आदिल अहमद डार और एक और अन्य सहयोगी मोहम्मद उमर फारूक को साल 2018 के आखिरी से फरवरी में किए हमले तक अपने घर में शरण दी थी.

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शाकिर बशीर ने IED बनाने में भी मदद की थी. गिरफ्तारी के बाद शाकिर को 15 दिन के लिए NIA ने अपनी हिरासत में लिया था. इस दौरान NIA उससे हमले से जुड़ी और भी कई जानकारियां को लेकर पूछताछ करने वाली थी.

ऐसे दिया था हमले को अंजाम

14 फरवरी 2019 को पुलवामा में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर CRPF की बस पर हमला हुआ था. दोपहर करीब 3.30 बजे आदिल अहमद डार एक कार में आया और उसने CRPF के काफिले में घुसा दी. जिसके बाद बस से टकरा धमाका हुआ और CRPF के जवानों से भरी बस खाक हो गई. बस के आस-पास जो अन्य वाहन थे उन्हें भी नुकसान पहुंचा. इसी हमले में 40 जवान शहीद हुए.

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