
एनआईए अफसर डीएसपी तंजील अहमद के सनसनीखेज मर्डर के मामले में दो संदिग्ध लोगों की तस्वीर सामने आने से सनसनी मच गई. दोनों संदिग्धों में से एक की पहचान परिवार के सदस्य के रूप में की गई है, वहीं दूसरे की तलाश की जा रही है. दोनों की तस्वीर उस शादी के वीडियो से मिली, जिसमें शामिल होने तंजील अहमद दिल्ली से बिजनौर पहुंचे थे. वहां से लौटते वक्त उनकी ताबड़तोड़ गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी.
जानकारी के मुताबिक, अर्शी नामक युवक खुद मीडिया के सामने आकर बताया कि उसे बाकायदा शादी का कार्ड दिया गया था. इसी के चलते वह दिल्ली से शादी में शामिल होने के लिए बिजनौर गया हुआ था. उसने कहा कि तंजील अहमद की बहन, जिनकी बेटी की शादी थी, वो उसकी मां की अच्छी दोस्त हैं. वह दिल्ली में रहता है, इसलिए उसको कोई पहचान नही पाया. मीडिया में फोटो वायरल होने के बाद वह खुद ADG के सामने पेश हुआ था.
एनआईए अफसर तंजील अहमद की हत्या के मामले में यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर दलजीत सिंह ने मंगलवार को बिजनौर में घटनास्थल का दौरा किया. एडीजी के मुताबिक जांच में फिलहाल एक संदिग्ध पर ध्यान केंद्रित है, दूसरे की पहचना हो गई है. पुलिस स्थानीय अपराधियों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है, जो इस तरह की घटनाओं में शामिल रहे हैं.
दलजीत सिंह ने बताया कि इसमें कोई दो राय नहीं किया हत्यारे पेशेवर थे. उन्होंने हत्याकांड को अंजाम देने के लिए भारत में निर्मित 9 एमएम पिस्तौल का इस्तेमाल किया है. पुलिस इलेक्ट्रॉनिक डाटा से भी मदद ले रही है. इस मामले की जांच के लिए एनआईए, यूपी एसटीएफ, एटीएस और यूपी पुलिस की कुल आठ टीमें लगी हुई हैं. इस केस को हर एंगल से देखते हुए जांच की जा रही है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि जांच टीम बहुत जल्द इस केस हल कर लेगी.
डीएसपी की हत्या एक 'सुनियोजित हमला'
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने डीएसपी तंजील अहमद की हत्या को रविवार को 'सुनियोजित हमला' बताया. एनआईए के प्रवक्ता संजीव कुमार ने कहा कि जांच एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि इंस्पेक्टर के हत्यारे उन तक कैसे पहुंचे? उन्होंने कहा, 'एक सुनियोजित हमले में एनआईए के इंस्पेक्टर तंजील अहमद की हत्या कर दी गई.' वह अपनी पत्नी के साथ बिजनौर से एक शादी से दिल्ली लौट रहे थे. उसी दौरान अज्ञात हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी.
अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती है पत्नी
संजीव कुमार ने बताया कि तंजील अहमद पिछले साढ़े छह साल से एनआईए में कार्यरत थे. वह मूल रूप से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से थे, जिसमें वह सहायक कमांडेंट थे. हमलावर बाइक पर आए थे. उन्होंने सहसपुर शहर के करीब उनको नजदीक से कई गोलियां मारीं. उनको 21 गोलियां मारी गई थीं. उनकी पत्नी को चार गोलियां लगी हैं. वह अस्पताल में भर्ती हैं. वहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है.
हत्याकांड देख कांप गई बच्चों की रूह
आधी रात को हुए इस हत्याकांड को देखकर बच्चों की रूह भी कांप गई. कभी चीखते. कभी बिलखते. कभी पापा को याद करते इन बच्चों को इंसाफ चाहिए. दिल्ली में शाहीन बाग में इन बच्चों से जांच एजेंसियों ने पूछताछ की है. परिवार के लोगों से भी बातचीत की गई है. ताकि ये मालूम हो सके कि इन मासूमों के पिता और आतंकियों के खिलाफ लंबी जंग लड़ने वाले डीएसपी तंजील के कातिल कौन हैं.
हत्या के दौरान सक्रिय थे कई फोन नंबर्स
बच्चों ने पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया है. NIA, STF और ATS की टीमें बच्चों से मिली जानकारी और कुछ फोन नंबर्स की तलाश में हैं. हत्या के दौरान कई फोन नंबर्स सक्रिय थे, जिनमें से कुछ पर शक है. इससे कई सुराग मिलने की उम्मीद है. जांच एजेंसियां बिजनौर में 53 फोन नंबर्स की जांच कर रही हैं. हत्या के दौरान 53 मोबाइल नंबर्स एक्टिव थे. 53 फोन नंबर्स में से कुछ नंबर 1 हफ्ते पहले ही एक्टिव हुए थे.
हत्या की सूचना देने वाले की तलाश
पुलिस को तंजील की हत्या की सूचना देने वाले की भी तलाश है. फोन करने वाले ने अपना नाम आलम बताया था. आलम नाम के शख्स ने डीएसपी की हत्या की सूचना दी थी. इसके बाद में पुलिस ने उस नंबर पर संपर्क किया तो स्विच ऑफ हो गया. पुलिस फोन करने वाले शख्स के नंबर के आधार पर उसे तलाशने की कोशिश कर रही है. क्योंकि उससे भी इस हत्याकांड में सुराग मिल सकता है.