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धर्म संसद में बोले स्वामी गोविंद देव- सिविल कोड लागू होने तक 4 बच्चे पैदा करें हिंदू

उन्होंने कहा कि सरकार अधिकतम दो बच्चों पर जोर दे रही है, लेकिन जब तक समान नागरिक संहिता लागू न हो जाए, तब तक हिंदुओं को कम से कम चार बच्चे पैदा करने चाहिए.

धर्म सांसद से स्वामी गिरीजी का आह्वान धर्म सांसद से स्वामी गिरीजी का आह्वान
जावेद अख़्तर/BHASHA
  • उडुपी ,
  • 25 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:51 PM IST

कर्नाटक के उडुपी में चल रही धर्म संसद में स्वामी गोविंद देव गिरिजी महाराज ने हिंदुओं को कितने बच्चे पैदा करने हैं, इसकी सलाह दे डाली. इस दौरान उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) के लागू होने तक हिंदुओं को कम से कम चार बच्चे पैदा करने चाहिए.

उन्होंने इसलिए ऐसा कहा ताकि 'जनांकिकीय असंतुलन' पर लगाम लगाई जा सके. हरिद्वार स्थित भारत माता मंदिर के स्वामी गिरिजी महाराज ने कहा, 'जिन क्षेत्रों में हिंदू आबादी कम हुई उन क्षेत्रों को भारत ने खो दिया, जिससे जनांकिकीय असंतुलन पैदा हुआ, इसलिए दो बच्चों की नीति सिर्फ हिंदुओं के लिए ही सीमित नहीं रहनी चाहिए.'

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तटीय कर्नाटक के उडुपी में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की ओर से आयोजित तीन दिवसीय धर्म संसद के दूसरे दिन पत्रकारों से बातचीत में गोविंद देव ने यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि सरकार अधिकतम दो बच्चों पर जोर दे रही है, लेकिन जब तक समान नागरिक संहिता लागू न हो जाए, तब तक हिंदुओं को कम से कम चार बच्चे पैदा करने चाहिए. उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में हिंदुओं की संख्या कम हुई, उनमें से कई क्षेत्रों को भारत ने खो दिया.

इससे पहले हिंदू संगठनों से जुड़े कुछ और लोगों की तरफ से भी इस तरह के बयान आते रहे हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी के सांसद साक्षी महाराज खुद बच्चे पैदा करने को लेकर हिंदुओं से सार्वजनिक मंचों से अपील कर चुके हैं.

2015 में उन्नाव से बीजेपी के सांसद साक्षी महाराज ने कहा था कि हर हिंदू महिला को कम से कम चार बच्चे जरूर पैदा करने चाहिए. उन्होंने इसके साथ 'चार बीवियों और 40 बच्चों के कॉन्सेप्ट के भारत में नहीं चलने की बात भी कही थी. उन्होंने कहा था कि हिंदू महिलाएं चार बच्चे पैदा करें, इनमें से एक बच्चे को सीमा पर भेज दो, एक संतों को दे दो.  

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धर्म संसद में शुक्रवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर ही राम मंदिर निर्माण का ऐलान किया था. साथ ही उन्होंने कहा था कि राम मंदिर मसले में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर को दखल नहीं देना चाहिए.

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