
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों को अपने कैम्पस में प्लास्टिक कप, लंच पैकैट, स्ट्रॉ, बोतल और बैग के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं. इस फैसले के बाद विश्वविद्यालयों को कड़े कदम उठाने पड़ सकते हैं.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने एक परामर्श जारी करते हुए कहा है कि भारत इस साल विश्व पर्यावरण दिवस समारोह का वैश्विक मेजबान है और इस साल की थीम 'बीट प्लास्टिक पॉल्यशून' है. इसके बाद आयोग ने यह निर्देश दिए हैं.
जेएनयू में होगी इस्लामिक आतंकवाद की पढ़ाई!
विश्व पर्यावरण दिवस समारोह संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में पर्यावरण पर सबसे बड़ा समारोह है. यूजीसी ने सभी कुलपतियों को भेजे पत्र में कहा कि प्लास्टिक के कॉफी कप, उपयोग के बाद फेंकने वाले प्लास्टिक , कप, प्लेट, पॉलीस्ट्रीन फोम में बने डिब्बों और प्लास्टिक की स्ट्रॉ पर प्रतिबंध लगाया जाए. एक बार इस्तेमाल करने योग्य प्लास्टिक की बोतलों पर रोक लगाएं और इसके बजाय फिर से उपयोग की जा सकने वाली बोतलों के इस्तेमाल को बढ़ावा दें.
दिल्ली के 1028 स्कूलों में केजरीवाल सरकार लगाएगी 1.46 लाख कैमरे
आयोग ने विश्वविद्यालयों से उपयोग के बाद फेंकने वाली प्लास्टिक पर जन जागरूकता पैदा करने और स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता अभियान चलाने के लिए भी कहा है. पत्र में कहा गया है कि इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम का आयोजन करना प्रदूषण के सभी रूपों से निपटने, उत्सर्जन कम करने और सतत विकास प्रयासों में निवेश करने पर वैश्विक नेतृत्व करने की हमारी प्रतिबद्धता की ओर एक कदम है.
साथ ही कहा गया है कि यह प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने के साझा प्रयासों का एक अवसर है और मानव संसाधन विकास मंत्रालय चाहता है कि छात्रों को उनकी दिनचर्या में प्लास्टिक के उत्पादों का इस्तेमाल कम करने, ना करने और उनका दोबारा इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाए.