
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने 100 साल पुराने कॉलेज कैंपस को संरक्षित करने के मकसद से देश भर के 19 संस्थानों को 'विरासत' का दर्जा दिया है. हालांकि इस सूची में दिल्ली से कोई कॉलेज शामिल नहीं है. इन संस्थानों को के परिसर को सहेजने के लिए वित्ती सहायता प्रदान किये जाने की मंजूरी भी यूजीसी ने दी है.
दर्जा पाने वाले कॉलेजों में मुंबई का सेंट जेवियर कॉलेज , कोट्टायम का सीएमएस कॉलेज, तिरूचिरापल्ली का सेंट जोसफ कॉलेज, अमृतसर से खालसा कॉलेज, शिमला का सेंट बीड्स कॉलेज, कानपुर में क्राइस्ट चर्च कॉलेज, आगरा में ओल्ड आगरा कॉलेज, मेरठ में मेरठ कॉलेज और बिहार के मुजफ्फरपुर में लंगट सिंह कॉलेज शामिल है.
सूची में दर्ज अन्य नामों में केरल का गवर्नमेंट बंने कॉलेज , मेंगलुरू में यूनिवर्सिटी कॉलेज, गुवाहाटी में कॉटन कॉलेज, पश्चिम बंगाल में मिदनापुर कॉलेज, जबलपुर में गवर्नमेंट मेडिकल साइंस, नागपुर में हिसलोप कॉलेज, पुणे में डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी का फगरुसन कॉलेज, जम्मू में गवर्नमेंट गांधी मेमोरियल साइंस कॉलेज, जालंधर में कन्या महाविद्यालय और कोलकाता में सेंट जेवियर कॉलेज शामिल है. गुवाहाटी के कॉटन कॉलेज को इसके परिसर के संरक्षण के लिए सबसे अधिक 4.35 करोड़ रुपए की अनुदान राशि मिली है.
लंगट सिंह कॉलेज जहां चंपारण सत्याग्रह के दौरान महात्मा गांधी रूके थे और देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद शिक्षक रह चुके थे, को डिजिटल पुस्तकालय के विकास के लिए यूजीसी की तरफ से 15 लाख रुपए का वित्तीय अनुदान मिला है. इसी तरह से 1892 में स्थापित मेरठ कॉलेज को इसकी मरम्मत के लिए 1.34 करोड़ रुपए की राशि की मंजूरी दी गई है. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और पूर्व मानव संसाधान विकास मंत्री मुरली मनोहर जोशी इसी कॉलेज के पूर्व छात्र रहे हैं.