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उप्र सरकार ने एक बार फिर बोर्ड एग्जाम में सीसीटीवी कैमरे से निगरानी कराए जाने के प्रस्ताव को टाल दिया है.
पिछले साल तत्कालीन मुख्य सचिव (माध्यमिक शिक्षा) सूर्यप्रताप सिंह ने बोर्ड एग्जाम के दौरान एग्जाम हॉल में कैमरे लगाए जाने को अनिवार्य किया था.
यह प्रस्ताव यूपी बोर्ड की चेयरमैन शकुंतला देवी यादव ने दिया था, लेकिन बोर्ड परीक्षाओं से ठीक तीन हफ्ते पहले ही सरकार की मंजूरी न मिलने की वजह से इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था.
यूपी बोर्ड के सचिव अमरनाथ वर्मा ने कहा, 'परीक्षा केंद्रों के चयन के लिए डॉक्युमेंटेशन का काम शुरू हो गया है. लेकिन सरकार की ओर से केंद्रों पर कैमरे लगाने और कंट्रोल रूम स्थापित करने को लेकर अभी तक कोई आदेश नहीं आया है. हालांकि जो स्कूल ऐसा करने में सक्षम हैं, वे अपने स्तर पर ऐसा कर सकते हैं.'
वर्मा ने कहा कि इस योजना को पिछले साल टाल दिया गया था, क्योंकि दूरदराज के इलाकों में ऐसा करना संभव नहीं हुआ. कैमरे लगाने के लिए फंड की कमी और सुरक्षा की समस्या आड़े आ गई थी. गौरतलब है कि 2015 में यूपी बोर्ड की 10वीं के एग्जाम में 34,95,974 और 12वीं के एग्जाम में 29 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स शामिल हुए थे.