Advertisement

मायावती के 'ब्राह्मणवाद' पर उनके ही करीबी दलित नेता ने उठाए सवाल

आईएएस की नौकरी छोड़कर बसपा का दामन थामने वाले कुंवर फतेह बहादुर सिंह ने मायावती के 'ब्राह्मणवाद' पर करारे हमले किए हैं. फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि लोकसभा और राज्य सभा में एक ही समाज (ब्राह्मण) के नेता किस सामाजिक न्याय का प्रतीक है.

बसपा प्रमुख मायावती बसपा प्रमुख मायावती
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 4:48 PM IST

  • कुंवर फतेह बहादुर सिंह ने मायावती पर उठाए सवाल
  • मायावती के ब्राह्मणवाद पर बसपा नेता ने खोला मोर्चा
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के राजनीतिक फैसले पर उनके ही एक करीबी नेता ने सवाल खड़े कर दिए हैं. आईएएस की नौकरी छोड़कर बसपा का दामन थामने वाले कुंवर फतेह बहादुर सिंह ने मायावती के 'ब्राह्मणवाद' पर करारे हमले किए हैं. फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि लोकसभा और राज्य सभा में एक ही समाज (ब्राह्मण) के नेता किस सामाजिक न्याय का प्रतीक है. क्या यह बसपा की सामाजिक परिवर्तन की आवधारणा के अनुरूप है.

कुंवर फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि मौजूदा लोकसभा के गठन के आठ महीने में बसपा ने सामाजिक सामंजस्य के नाम पर पांच बार संसद में नेता सदन को बदला दिया है. गिरीश जाटव, दानिश अली, श्याम सिंह यादव, दानिश अली और अब रितेश पांडेय को सदन का नेता बनाया गया है. राज्यसभा में बसपा के संसदीय दल के नेता सतीश मिश्र हैं. ऐसे में लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनो में एक ही समाज के नेता किस प्रकार का न्याय है?

Advertisement

कुंवर फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि लोकसभा और राज्य सभा में एक ही समाज (ब्राह्मण) के नेता किस सामाजिक न्याय का प्रतीक है. क्या यह बसपा की सामाजिक परिवर्तन की अवधारणा के अनुरूप है? क्या मान्यवर कांशीराम जी ने इसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बसपा का गठन किया था? यह बात बहुजन समाज जानना चाह रहा है.

बता दें कि मायावती ने हाल ही में लोकसभा में बसपा के सदन का नेता कुंवर दानिश अली को हटाकर अंबेडकरनगर सीट से सांसद रितेश पांडेय को बनाया है. इस बदलाव पर मायावती ने तर्क दिया था कि सामाजिक सामांजस्य बनाने के लिए यह फैसला लिया गया है. लोकसभा में पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के राज्य अध्यक्ष भी, एक ही समुदाय के होने के नाते इसमें थोड़ा परिवर्तन किया गया है.

Advertisement

लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदन के नेता ब्राह्मण समुदाय के होने के चलते कुंवर फतेह बहादुर सिंह ने सवाल खड़े किए हैं. ऐसे में देखना है कि मायावती इस सवाल का जवाब देती हैं या फिर फतेह बहादुर सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाती हैं. हालांकि फतेह बहादुर सिंह बसपा प्रमुख मायावती के काफी करीबी नेता माने जाते हैं.

उत्तर प्रदेश में मायावती की सरकार थी तो कुंवर फतेह बहादुर सिंह प्रमुख सचिव हुआ करते थे. बसपा सरकार में जबरदस्त तूती बोलती थी और बिना उनकी मर्जी के पत्ता भी नहीं हिलता था. 1981 बैच के आईएएस अधिकारी कुंवर फतेह बहादुर 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले नौकरी छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement