
उत्तर प्रदेश में विदेशी लोगों की पहचान और उन्हें राज्य से डिपोर्ट किए जाने की खबरों के बीच प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने बयान दिया है. डीजीपी ने मंगलवार को कहा कि इसका राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से कोई लेना देना नहीं है. बांग्लादेशी और विदेशी जो यहां पर अवैध रूप से रह रहे हैं, केवल उनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है. अगर उनके दस्तावेजों में कमी पाई जाती है, तो उन्हें डिपोर्ट कर दिया जाएगा.
मीडिया में यूपी में एनआरसी लागू किए जाने की खबरें आई थीं. यह भी कहा गया था कि पुलिस प्रशासन ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है. इसका मसौदा भी संबंधित अधिकारियों को भेजे जाने की बात सामने आई थी. इस बाबत प्रदेश के डीजीपी ने अपना बयान जारी किया है और कहा है कि मौजूदा कार्रवाई का एनआरसी से कोई लेना देना नहीं है.
अभी हाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने असम में एनआरसी लागू किए जाने की सराहना करते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे उत्तर प्रदेश में इसे लागू कर सकते हैं. एक अंग्रेजी समाचार पत्र के साथ एक साक्षात्कार में आदित्यनाथ ने कहा कि एनआरसी लागू कराना एक अहम और साहसपूर्ण कदम है.
मुख्यमंत्री ने समाचार पत्र से कहा, इन बातों को चरण-वार लागू किया जा रहा है और मुझे लगता है कि जब उत्तर प्रदेश को एनआरसी की जरूरत होगी, हम ऐसा करेंगे. पहले चरण में, यह असम में हुआ है और जिस तरह से इसे लागू किया जा रहा है, यह हमारे लिए एक उदाहरण हो सकता है.
पिछले महीने असम सरकार ने राज्य में अंतिम एनआरसी सूची जारी की जिसमें 19 लाख से अधिक लोग बाहर हो गए. असम से अवैध रूप से बसे लोगों को बाहर निकालने के लिए बड़े पैमाने पर यह अभियान चलाया गया.