
उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की भविष्य निधि (पीएफ) घोटाले की जांच पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) ने अपने हाथ में ले ली है. ईओडब्लू की टीम ने सोमवार को पॉवर कार्पोरेशन मुख्यालय यानी शक्ति भवन में छानबीन की.
इससे पहले ईओडब्लू की टीम ने रविवार को लखनऊ के शक्ति भवन में भविष्य निधि ट्रस्ट के कार्यालय के कमरे को सील किया था. इस मामले में शनिवार को गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है.
इससे पहले विपक्ष के निशाने पर आए यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने रविवार को कहा था कि इस मामले में जो लोग भी जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है. हम भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहे हैं.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) घोटाले में एक प्राथमिकी दर्ज कर दो वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया. राज्य सरकार ने मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का भी निर्णय लिया है.
शनिवार शाम गिरफ्तार किए गए दोनों अधिकारी ईपीएफ की धनराशि को निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फायनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में फंसाने के आरोपी हैं. इस कंपनी का संबंध माफिया डान दाऊद इब्राहिम के सहयोगी मृत इकबाल मिर्ची से है.