
यूपी के नेताओं की जुबानी राजनीति तो आपने खूब देखी-सुनी लेकिन अगर सबकुछ ठीक रहा तो राजनीतिक पढ़ाई भी करते हुए भी नेता दिख सकते है. यूपी की योगी सरकार दिल्ली से सटे गाजियाबाद में राजनीतिक पाठशाला खोलने की तैयारी में है.
अपने कई छात्रों को राजनीति शास्त्र की किताबें पढ़ते हुए देखा होगा लेकिन अब यूपी सरकार राजनीति की गुर सिखाने के लिए राजनीतिक पाठशाला खोलने की तैयारी में लगी है जिसके लिए यूपी के नगर विकास मंत्रालय के द्वारा गाजियाबाद नगर निगम से जमीन ढूंढने को कहा था जिसका प्रस्ताव भी भेज दिया गया है. गाजियाबाद की मेयर आभा शर्मा ने इस पर खुशी जताई कि यूपी में इसके लिए गाजियाबाद का चुनाव किया गया है उन्होंने कहा देखिए क्या-क्या होता है.
सूत्रों के मुताबिक, इस आधिकारिक प्रशिक्षण केंद्र का मकसद हर जीते हुए जनप्रतिनिधि को यहां आकर ट्रेनिंग देना, ताकि उन्हें यह पता चल सके कि जिस संस्था के लिए वे चुने गए हैं, वहां किस तरह से काम होता है. साथ ही जनता से किस तरह मिलना और बात करना है. इसके अलावा नेताओं को देश, विदेश आदि की राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक विरासतों के विषय में बताया जाएगा. नेता व आम जनता के बीच आपसी सामंजस्य को कैसे मजबूत किया जाए इसका भी पाठ पढ़ाया जाएगा. साथ ही जो लोग राजनीति में आना चाहते हैं, उनको सियासत की एबीसीडी बताने के अलावा पहले की राजनीति में और अब की राजनीति में अंतर भी समझाया जाएगा.
राजनीतिक पाठशाला के लिए गाजियाबाद का चुनाव दिल्ली से नजदीक होने का मकसद है कि नेता आसानी से पहुंच भी सकते है और बड़े राजनेता को लेक्चर के लिए बुलाया भी जा सके. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इस राजनीतिक पाठशाला से निकले हुए नेता क्या वाकई राजनीति को सही दिशा देने में सक्षम हों पाएंगे.