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आ रही हैं बहनजी! निकाय चुनाव में BSP की जीत से महागठबंधन पर संकट?

मायावती ने फिर साबित किया कि वे इतनी आसानी से खत्म होने वाली नहीं हैं. वे नाकामी की धूल झाड़कर फिर उठ खड़ी हुई हैं. निकाय चुनाव में बसपा मेयर की दो सीटें पाती दिख रही है और कई सीटों पर उसने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी है.

बसपा नेता मायावती बसपा नेता मायावती
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:59 AM IST

यूपी विधानसभा के नतीजों में जहां बीजेपी को बंपर जीत मिली थी, वहीं बसपा को करारी हार मिली थी. बसपा का सूपड़ा साफ होने के बाद ही तमाम आलोचक यह कहने लगे थे कि मायावती और बसपा अब खत्म हो गई हैं. लेकिन मायावती ने फिर साबित किया कि वे इतनी आसानी से खत्म होने वाली नहीं हैं. वे नाकामी की धूल झाड़कर फिर उठ खड़ी हुई हैं. निकाय चुनाव में बसपा मेयर की दो सीटें हासिल कर चुकी है और कई सीटों पर उसने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी है.

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महापौर पद के चुनाव में बीते वर्ष सत्ता में रही समाजवादी पार्टी के साथ ही कांग्रेस मुकाबले से बाहर हैं. निकाय चुनाव ने मायावती के आलोचकों का चुप कर दिया है. इन चुनावों ने साबित किया है कि आंदोलन से निकली पार्टी को इतनी आसानी से खत्म नहीं किया जा सकता. यूपी चुनाव के नतीजे आने के बाद मीडिया और कई विश्लेषकों ने यह कहना शुरू किया था कि मायावती और बसपा अब खात्मे की ओर है. विधानसभा चुनाव में बसपा को 19 सीटें मिली थीं.

बसपा का उभार

अलीगढ़ में मेयर पर पर बसपा ने जीत दर्ज की है, यहां 22 साल से बीजेपी सत्ता में थी. अलीगढ़ से मेयर के बसपा प्रत्याशी मो. फुरकान ने भाजपा के प्रत्याशी राजीव अग्रवाल को 11990 वोटों से पराजित किया. मेरठ नगर निकाय में भी महापौर के लिए बसपा की सुनीता वर्मा जीत चुकी  हैं. निकाय चुनाव की कई सीटों पर दूसरे या तीसरे स्थान पर बसपा प्रत्याशी हैं और कई जगहों पर बसपा प्रत्याशियों ने अच्छे वोट हासिल कर लिए हैं. इस खबर को लिखे जाने तक नगर निगमों में बसपा के प्रत्याशी 146 पार्षद, 24 नगर पालिका अध्यक्ष, 222 नगर पालिका सदस्य, 42 नगर पंचायत अध्यक्ष, 201 नगर पंचायत पदों पर जीत चुके हैं.

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महागठबंधन पर फिर होगी चर्चा

हालांकि निकाय चुनाव में बसपा, कांग्रेस और सपा को जिस तरह से वोट मिले हैं, उससे एक बार फिर यह चर्चा शुरू हो सकती है कि तीनों पार्टियों का महागठबंधन अगर बन जाए तो बीजेपी को आसानी से शिकस्त दी जा सकती है. लेकिन बसपा ने जिस तरह से वापसी की है उससे यूपी में महागठबंधन की संभावना धूमिल ही लग रही है. बहुत मजबूरी में ही बहन मायावती के लिए सपा के साथ गठबंधन करना संभव होगा, लेकिन अगर वे मजबूत होकर उभर रही हैं, तो इस संभावना पर पानी पड़ सकता है.

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