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योगी सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद् में 48 हजार भर्तियों पर लगाई रोक

यूपी की नई सरकार बनने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद् की करीब 48,000 भर्तियों पर रोक लगा दी गई है. शासन से मिले निर्देश के बाद प्राथमिक स्कूलों में 12,460 सहायक अध्यापकों, चार हजार उर्दू विषय के सहायक अध्यापकों के अलावा उच्च प्राथमिक स्कूलों में 32,022 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती स्थगित कर दी गई है

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 24 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 11:56 AM IST

यूपी की नई सरकार बनने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद् की करीब 48,000 भर्तियों पर रोक लगा दी गई है. शासन से मिले निर्देश के बाद प्राथमिक स्कूलों में 12,460 सहायक अध्यापकों, चार हजार उर्दू विषय के सहायक अध्यापकों के अलावा उच्च प्राथमिक स्कूलों में 32,022 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती स्थगित कर दी गई है.

12,460 शिक्षकों की भर्ती के लिए 18 से 20 मार्च तक पहली काउंसलिंग हो चुकी है और दूसरे चरण की काउंसलिंग 25 मार्च को प्रस्तावित थी. चार हजार उर्दू के सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 22 व 23 मार्च को प्रथम चरण की काउंसलिंग थी, जबकि दूसरे चरण की काउंसलिंग 30 मार्च को होनी थी. 32,022 अनुदेशकों की भर्ती के लिए 4 से 9 अप्रैल तक काउंसलिंग कराने के निर्देश सचिव संजय सिन्हा ने दिए थे.

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खाली और भरे पदों का ब्योरा किया तलब
इसके अलावा योगी आदित्यनाथ सरकार ने सभी श्रेणी यानी क, ख, ग एवं घ समूह के खाली और भरे पदों का ब्यौरा तलब किया है. जिनका ब्योरा तलब किया गया है, उनमें नियमित, संविदा और आउटसोर्सिंग के पद शामिल हैं. मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने इस संबंध में सभी प्रमुख सचिवों और सचिवों को निर्देश दिए हैं कि वे क्लास वन अधिकारी से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक के नियमित, संविदा और आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरे जाने वाले स्वीकृत पदों एवं उनके आधार पर भरे पदों का ब्योरा कार्मिक विभाग को 30 मार्च 2017 तक भेजें.

यह काम नई सरकार की प्राथमिकता में शामिल है. दूसरी ओर मुख्य सचिव ने अफसरों से इस बात का भी ब्यौरा तलब किया है कि उन्होंने क्लास वन और क्लास टू अधिकारी के पदों के कितने खाली पदों के प्रस्ताव भर्ती के लिए लोक सेवा आयोग को भेजे हैं. उन पदों पर भर्ती की क्या स्थिति है और उनमें से कितने प्रस्ताव लंबित हैं?

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