Advertisement

UP पुलिस का एनकाउंटर अभियान जारी, 50 हजार का इनामी बदमाश ढेर

मुजफ्फरनगर में मारा गया कुख्यात बदमाश रमेश जमशेद गैंग का सक्रिय सदस्य एवं शूटर था. उस पर 50 हजार का इनाम घोषित था.

योगीराज में 57वां बदमाश पुलिस एनकाउंटर में ढेर योगीराज में 57वां बदमाश पुलिस एनकाउंटर में ढेर
आशुतोष कुमार मौर्य
  • मुजफ्फरनगर,
  • 04 जून 2018,
  • अपडेटेड 12:17 PM IST

प्रदेश से बदमाशों के सफाए के अभियान में लगी UP पुलिस को एक और सफलता हाथ लगी है. मुजफ्फरनगर में सोमवार को हुए मुठभेड़ में पुलिस ने 50 हजारे के इनामी बदमाश को मार गिराया. हालांकि मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी भी जख्मी हुआ है.

मुजफ्फरपुर के SP ओमबीर सिंह ने बताया कि सोमवार की सुबह पुरकाजी थाना क्षेत्र में फलवादा गांव के पास कुख्यात वांटेड बदमाश रमेश उर्फ नानू उर्फ ऋषिपाल से पुलिस की मुठभेड़ हो गई. हालांकि बदमाश द्वारा चलाई गई गोली से थाना प्रभारी (SHO) विजय सिंह जख्मी हो गए हैं.

Advertisement

ओमबीर सिंह ने बताया कि कुख्यात बदमाश रमेश जमशेद गैंग का सक्रिय सदस्य एवं शूटर था. उस पर 50 हजार का इनाम घोषित था. उसकी लाश के पास से एक बाइक और एक पिस्तौल बरामद की गई है. रमेश मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिलों में लूट और हत्या के दर्जन भर से ज्यादा मामलों में वांछित था.

योगीराज में अब तक 57 ढेर

योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से उत्तर प्रदेश की पुलिस अब तक कुल 57 कुख्यात बदमाशों को ढेर कर चुकी है, जिसमें सोमवार को मुजफ्फरपुर में मारा गया बदमाश  रमेश भी शामिल है.

बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले 11 महीने में करीब 1350 एनकाउंटर किए हैं. यानी हर महीने सौ से भी ज़्यादा एनकाउंटर. इस दौरान 3091 वॉन्टेड अपराधी गिरफ्तार किए गए. जबकि 43 अपराधियों को मार गिराया गया. यूपी पुलिस का दावा है कि मरने वालों बदमाशों में 50 फीसदी इनामी अपराधी थे. जिन्हें पुलिस शिद्दत से तलाश रही थी.

Advertisement

यूपी पुलिस के इन आंकड़ों ने अपराधियों में इस कदर खौफ भर दिया कि पुलिस एक्शन के डर से पिछले 10 महीने में 5409 अपराधियों ने बाकायदा अदालत से अपनी ज़मानत ही रद्द कराई है. ताकि ना वो बाहर आएं और ना गोली खाएं.

यूपी पुलिस द्वारा लगातार किए जा रहे एनकाउंटर सवालों के घेरे में भी आ गए हैं. पिछले दिनों मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले एक संगठन ने दावा किया था कि हाल के महीनों में उत्तर प्रदेश में न्यायेतर हत्याएं हुई हैं. इनमें मरने वालों में ज्यादातर दलित और मुसलमान थे. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्वतंत्र टीमों द्वारा जांच की मांग की गई है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement