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श्रीकांत शर्मा का अजय कुमार लल्लू को मानहानि का नोटिस, कहा- मांगें माफी

उत्तर प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को मानहानि का नोटिस भेजा है. उन्होंने 24 घंटे के भीतर उनसे माफी की मांग की है. मंत्री ने कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें. 2600 करोड़ के ईपीएफ घोटाले में अजय कुमार लल्लू ने श्रीकांत शर्मा पर कथित रूप से आरोप लगाए हैं.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को मानहानि का नोटिस (फाइल) प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को मानहानि का नोटिस (फाइल)
शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 07 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:08 PM IST

  • श्रीकांत शर्मा की सफाई, धन हस्तांतरण में भूमिका नहीं
  • लल्लू ने झूठा करार दिया, इनके काल में जमा हुए पैसे

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकांत शर्मा ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार 'लल्लू' को मानहानि का नोटिस भेजकर एक सप्ताह के भीतर माफी मांगने का अल्टीमेटम दिया है. ऊर्जा मंत्री श्रीकांत ने यह नोटिस लल्लू द्वारा सार्वजिनक रूप से उनके खिलाफ दिए गए झूठे, आपत्तिजनक और अमर्यादित बयानों को लेकर दिया है.

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श्रीकांत शर्मा ने अपनी सफाई में कहा कि उनकी डीएचएफएल या सनब्लिंक कंपनी को हुए धन हस्तांतरण में कोई भूमिका नहीं रही है और उनकी भेंट भी उन कंपनियों के किसी अधिकारी से कभी नहीं हुई. वह सितंबर-अक्टूबर में ही नहीं बल्कि कभी विदेश यात्रा पर नहीं गए.

श्रीकांत शर्मा की ओर से मानहानि का केस

ऊर्जा मंत्री की सफाई

उन्होंने आगे कहा कि भविष्य निधि का प्रबंधन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है जिसमें वह किसी पद पर नहीं हैं और इस कार्य में उनकी कोई भूमिका भी नहीं रही है. डीएचएफएल को धन हस्तांतरण करने का निर्णय उनके कार्यकाल का नहीं बल्कि पूर्व सरकार के समय का है.

ऊर्जा मंत्री ने साफ किया कि वह भविष्य में अपनी वाणी को लेकर विशेष सतर्कता बरतें. उनका आचरण न सिर्फ सार्वजनिक जीवन की मर्यादाओं के विपरीत था बल्कि समाज जीवन में शुचितापूर्ण ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले व्यक्ति के लिए मानहानिकारक था.

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योगी सरकार के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने यह भी कहा कि यदि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लल्लू ने माफी नहीं मांगी तो उनके खिलाफ IPC की दंड संहिता की धारा 499 एवं 500 के अंतर्गत मानहानि की दांडिक कार्रवाई के साथ ही दीवानी न्यायालय में हर्जाने के लिए दीवानी की कार्रवाई भी की जाएगी.

यूपी की सियासत में उफान

अंडरवर्ल्ड सरगना इकबाल मिर्ची से व्यावसायिक संबंधों को लेकर जांच के दायरे में आई कर्ज में डूबी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) को लेकर यूपी की सियासत में उफान आ गया है.

DHFL में यूपी सरकार ने बिजली कर्मचारियों के पीएफ का पैसा निवेश किया और इसे लेकर ही कांग्रेस राज्य सरकार पर हमलावर है. हालांकि बीजेपी का कहना है कि इस कंपनी में निवेश का रास्ता पूर्व सीएम अखिलेश यादव के शासन काल में खोला गया था

हालांकि उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने इसे झूठा करार दिया. उन्होंने कहा कि 24 मार्च को डीएचएफएल में पहली बार पैसा जमा किया था और तब प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी थे और श्रीकांत शर्मा ऊर्जा मंत्री थे.

अजय कुमार लल्लू ने सोमवार को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और सीएम योगी आदित्यनाथ पर एक के बाद एक कई सवाल भी दागे. लल्लू ने कहा कि बीजेपी सरकार लगातार प्रदेश की जनता से झूठ बोल रही है, ताकि उसका भ्रष्टाचार छुप सके.

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अजय कुमार लल्लू ने पूछा कि सरकार बताए कि डीएचएफएल मे निवेश की अनुमति कब दी गई ? कब हस्ताक्षर किया गया? मार्च 2017 के बाद से दिसंबर 2018 तक किन किन तारीखों मे निवेश किया?

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