
रविवार की सुबह ऐसा लग रहा था कि समाजवादी पार्टी में झगड़ा खत्म हो गया है और सब कुछ ठीक-ठाक हो गया है. लेकिन शाम होते होते यह बात साफ हो गई कि अभी पीछे पर्दे के पीछे घमासान जारी है. समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद शिवपाल यादव ने अपनी तलवार चलानी शुरू कर दी है. रविवार की शाम ऐलान किया गया कि रामगोपाल यादव के भांजे और विधान परिषद सदस्य अरविंद यादव को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.
क्यों निष्कासित किए गए अरविंद यादव?
पार्टी की तरफ से जारी किए गए प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के विरोध में असम्मानजनक एवं अमर्यादित टिप्पणियां
करने, पार्टी विरोधी कार्यो में लिप्त रहने तथा अनुशासनहीन आचरण के कारण समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.
अरविंद यादव पर हैं ये आरोप
पार्टी से निकाले जाने के बाद अरविंद यादव ने कैमरे पर आकर कोई बयान देने से तो मना कर दिया लेकिन इतना जरूर कहा कि उनके ऊपर जो आरोप लगे हैं वह गलत हैं. अरविंद यादव रामगोपाल यादव की बहन गीता देवी के बेटे हैं और विधान परिषद का सदस्य बनने से पहले मैनपुरी के करहल ब्लॉक में ब्लाक प्रमुख चुने गए थे. सूत्रों के मुताबिक अरविंद यादव पर जमीनों पर कब्जे और अवैध शराब के कारोबार का भी आरोप है.
राजेंद्र चौधरी और अरविंद गोप पर भी लटकी तलवार
रविवार की दोपहर में दिल्ली जाने से पहले मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के साथ लंबी बैठक की थी. माना जा रहा है कि इस बैठक में पार्टी संबंधित तमाम फैसलों पर मुलायम सिंह की
सहमति ली गई. शनिवार से ही यह चर्चा गरम है की अखिलेश यादव के करीबी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी और पार्टी में महासचिव अरविंद सिंह गोप अभी तलवार लटक रही है. सबकी निगाहें अब इस बात पर लगी हैं शिवपाल यादव की तलवार के निशाने पर और कौन-कौन आता है.