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UP में CAA हिंसा: शक के घेरे में PFI? पूछताछ के लिए ED ने बुलाया

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले महीने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शन में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का हाथ होने का शक जताया जा रहा है. अब मामले की जांच ईडी कर रही है और पूछताछ के लिए संगठन से जुड़े लोगों को बुलाया है.

प्रवर्तन निदेशालय (सांकेतिक फोटो) प्रवर्तन निदेशालय (सांकेतिक फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 12:44 PM IST

  • PFI चेयरमैन स्वास्थ्य कारणों से आने में असमर्थः वकील
  • असम के CM का दावा- राज्य में हुए प्रदर्शन में भी PFI

उत्तर प्रदेश हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का हाथ होने के आरोपों की जांच चल रही है. इसी सिलसिले में आज बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएफआई दिल्ली के अध्यक्ष मोहम्मद परवेज अहमद और रिहैब इंडिया फाउंडेशन के ट्रस्टी शाहिद अबोबकर को तलब किया. पूछताछ के लिए दोनों आज ईडी दफ्तर पहुंच गए हैं.

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इस दौरान पीएफआई के वकील केसी नजीर ने कहा कि हम यहां (ईडी दफ्तर) में 2 महीने का समय मांग रहे हैं. हमारे चेयरमैन कैंसर से पीड़ित हैं और वह स्वास्थ्य के मुद्दों के कारण आने में असमर्थ हैं. ईडी ने कल पीएफआई के चेयरमैन रिहैब इंडिया फाउंडेशन के अबु बकर को भी निदेशालय आने का समन जारी किया था.

पीएफआई ने दावों को खारिज किया

मामले की जांच कर रही जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुताबिक, पीएफआई ने प्रदर्शन के दौरान करीब 130 करोड़ रुपये इकट्ठा किए और इनका इस्तेमाल प्रदर्शन के दौरान किया गया. हालांकि, पीएफआई ने ईडी के दावों को खारिज किया है.

इस आरोप के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि PFI काम कर रही है Pakistan Front of India की तरह. इसने हिंसक सीएए प्रदर्शनों के लिए 130 करोड़ रुपये खर्च किए. पहले पाकिस्तान ने कश्मीर में पत्थरबाजों को भुगतान किया था. 370 के उन्मूलन के बाद, स्पष्ट है पाकिस्तान ने भारत को अस्थिर करने के लिए हवाला फंड भेजा है. जागो भारत!'

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उत्तर प्रदेश में पिछले महीने हुए हिंसक प्रदर्शन के मामलों की जांच कर रही एजेंसियों के मुताबिक 4 दिसंबर 2019 से 6 जनवरी 2020 के बीच, पीएफआई से संबंधित 15 बैंक खातों में एक करोड़ चार लाख रुपये जमा किए गए थे. जिसमें 10 खाते पीएफआई के जबकि 5 खाते रीहैब इंडिया फाउंडेशन के थे.

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यूपी पुलिस ने गृह मंत्रालय को सौंपा डोजियर

इस बीच यूपी पुलिस ने इस प्रदर्शन के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को जिम्मेदार मानते हुए इस संगठन पर प्रतिबंध की सिफारिश की थी. यूपी पुलिस ने इस मामले में गृह मंत्रालय को डोजियर भी सौंप दिया.

सूत्रों के मुताबिक यूपी पुलिस की ओर से दो डोजियर दिए गए हैं. पहले डोजियर में पुलिस ने 19 दिसंबर 2019 को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन को भड़काने में शामिल पीएफआई सदस्यों और उनकी भूमिका की जानकारी दी है.

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असम के मुख्यमंत्री ने भी दावा किया कि वहां हुए विरोध प्रदर्शन को भी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने समर्थन दिया था.

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