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उत्तर प्रदेश में कांग्रेस प्रवक्ता बनने के लिए हुई लिखित परीक्षा पर बवाल मचने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में कोई नकल नहीं हुई है. ना ही किसी को फेल करने के लिए परीक्षा ली गई है.
राजबब्बर के मुताबिक, राहुल गांधी नए तरीके से कांग्रेस के अंदर बदलाव ला रहे हैं. ये बदलाव की एक कोशिश है. किसी को फेल करने के लिए यह परीक्षा नहीं है क्योंकि इतने सीनियर लोगों को फेल करने के बारे में नहीं सोचा जा सकता.
उन्होंने कहा, 'हमें नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. हर रोज टीवी के एंकरों से रूबरू होना पड़ता है. ऐसे में पुख्ता जानकारी रखने वाले लोगों की जरूरत है. इसीलिए यह टेस्ट लिए गए. मैंने भी कल प्रश्न पत्र देखे थे और कई सवालों का उत्तर मैं खुद नहीं दे सकता इसलिए पास-फेल का कोई सवाल ही नहीं.
राज बब्बर ने कहा, 'प्रवक्ताओं की औसत उम्र 40 की होगी. हमें युवा प्रवक्ताओं की जरूरत है लेकिन औसत उम्र का मतलब यह नहीं कि हम 40 के ऊपर के प्रवक्ता नहीं रखेंगे. प्रवक्ताओं की उम्र ज्यादा भी हो सकती है.'
वहीं कांग्रेस नेता और एमएलसी दीपक सिंह परीक्षा में नकल या फिर पास और फेल को नकार दिया. उनके मुताबिक, अब चुनौतियां नई तरह की है इसलिए प्रवक्ताओं को भी नई चुनौतियों से रूबरू होना होगा. राहुल गांधी की सोच के तहत यह परीक्षाएं हुई हैं और इसमें जो बेहतर होगा वह निकल कर सामने आएगा.
बता दें कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में गुरुवार को प्रदेश प्रवक्ताओं के लिए हुई लिखित परीक्षा में नकल करने का मामला सामने आया है. परीक्षा में सवाल देखकर कांग्रेसियों के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं क्योंकि प्रवक्ता के लिए ऐसी किसी परीक्षा की कोई पूर्व सूचना उन्हें नहीं थी.
कांग्रेस प्रवक्ताओं के लिए हुई लिखित परीक्षा हालांकि गुप्त रखी गई थी. लेकिन परीक्षा के पहले ही इसके प्रश्न पत्र लीक भी हो गए. बताया जा रहा है कि बंटने से पहले ही पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.