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बिहार में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) ने अभी NDA का साथ नहीं छोड़ा है. हालांकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने सीट बंटवारे पर बीजेपी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और इसके लिए नवंबर तक का अल्टीमेटम भी दिया.
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा लंबे समय से 2019 के लोकसभा चुनाव पर सीट बंटवारे को लेकर सम्मानजनक सीट दिए जाने की बात करते रहे हैं, और ऐसा नहीं होने पर NDA का दामन छोड़ने का इशारा भी कई बार कर चुके हैं.
एनडीए में बने रहने की संभावनाओं को लेकर आज शनिवार को पटना में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बेहद अहम मानी जा रही था जिसमें कुशवाहा को फैसला लेना था. लेकिन बैठक के बाद कुशवाहा ने बीजेपी को थोड़ा और वक्त देने का ऐलान किया.
उन्होंने बीजेपी को अल्टीमेटम देते हुए इस महीने के अंत तक सीट बंटवारे के मामले को सुलझाने का वक्त दिया. उन्होंने कहा कि इस मसले पर पार्टी की ओर से अभी कुछ भी फैसला नहीं लिया जाएगा. वह इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने की कोशिश करेंगे.
राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नीच वाले बयान पर कुशवाहा ने कहा कि उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया है. 28 नवंबर को ज्योतिबा फुले के जन्मदिवस पर ऊंच-नीच विरोध दिवस मनाया जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक कुशवाहा चाहते हैं कि बीजेपी उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए 3 सीट दे, लेकिन बीजेपी उन्हें केवल 2 सीटें देने के मूड में है जिसको लेकर कुशवाहा काफी नाराज हैं. इसी दौरान कुशवाहा ने खुद को नीतीश कुमार द्वारा कथित तौर पर 'नीच' कहे जाने को लेकर भी मुद्दा बनाया और मुख्यमंत्री को खरी-खोटी सुनाई.
2 विधायकों ने बनाई दूरी
इससे पहले पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के 2 विधायक हिस्सा लेने नहीं पहुंचे. पार्टी के 2 विधायक सुधांशु शेखर और लल्लन पासवान ने कार्यकारिणी की बैठक से दूरी बनाए रखी.
कुशवाहा के जाने से फर्क नहीं पड़ेगा: जेडीयू
वहीं, इस बैठक से पहले जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा के NDA से बाहर जाने की स्थिति में गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बिहार में NDA गठबंधन काफी मजबूत है और इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन गठबंधन में शामिल होता है या कौन छोड़कर जाता है.
कुछ महीनों में रालोसपा और जेडीयू के बीच तकरार की स्थिति पैदा हो गई है. उपेंद्र कुशवाहा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच तकरार कोई नई नहीं है मगर हाल में कुशवाहा ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने उन्हें एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर “नीच” कहकर संबोधित किया. इसके बाद से ही कुशवाहा उन पर काफी आक्रामक हो गए हैं.
पिछले महीने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बात का ऐलान किया था कि आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार में जेडीयू और बीजेपी एक समान सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इस ऐलान के बाद से ही उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के अंदर हलचल बढ़ गई.
NDA के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी और जेडीयू ने उपेंद्र कुशवाहा के द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर होने की निंदा की है. जेडीयू के नेताओं ने यहां तक कह दिया है कि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी एनडीए में रहे या ना रहे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है. जाहिर सी बात है, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी NDA में पूरी तरीके से अलग-थलग पड़ गई है. शुक्रवार को भी उपेंद्र कुशवाहा ने दिल्ली में अमित शाह से सीटों के तालमेल को लेकर बातचीत करने की कोशिश की मगर उन्हें द्वारा वक्त नहीं मिला.
ऐसे में शनिवार को राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक काफी महत्वपूर्ण हो गई है. ऐसा माना जा रहा है इस बैठक में उपेंद्र कुशवाहा पार्टी की आगे की रणनीति को लेकर कोई बड़ा फैसला कर सकते हैं.
अभी NDA में हूं और रहूंगा: कुशवाहा
इससे पहले केंद्रीय मंत्री और एनडीए के सहयोगी कुशवाहा ने 'आजतक' से कहा था कि वह सीटों के बंटवारे को लेकर अमित शाह से मिलना चाहते थे लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई. उन्होंने यह भी कहा कि वे अभी NDA में हैं और रहेंगे.
ज्यादा सीटें मांगने के सवाल पर कुशवाहा ने कहा कि 'कितनी सीटें हमने मांगी थी, यह सार्वजनिक नहीं कर सकता लेकिन इतना जरूर कह सकता हूं कि पिछली बार के मुकाबले हमारी पार्टी की ताकत बढ़ी है जिसके हिसाब से हमें सीटें मिलनी चाहिए. आगे की रणनीति के लिए पार्टी की बैठक है. नेताओं की राय ली जाएगी. उसके आधार पर फैसला होगा.'