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महिलाओं की सुरक्षा के लिए एडवांस्ड तकनीक अपनाए रेलवे: बॉम्बे हाई कोर्ट

बॉम्बे हाई कोर्ट ने रेलवे से कहा कि प्रणाली को एडवांस्ड बनाया जाए ताकि लोकल ट्रेन और प्लेटफॉर्म पर महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोका जा सके. साथ ही अदालत ने रेलवे से कहा कि एक एक्सपर्ट कमेटी बनाए जो विश्वस्तर पर एडवांस्ड तकनीकों का अध्ययन कर सके.

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aajtak.in
  • मुंबई,
  • 01 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 9:07 PM IST

बॉम्बे हाई कोर्ट ने रेलवे से कहा कि प्रणाली को एडवांस्ड बनाया जाए ताकि लोकल ट्रेन और प्लेटफॉर्म पर महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोका जा सके. साथ ही अदालत ने रेलवे से कहा कि एक एक्सपर्ट कमेटी बनाए जो विश्वस्तर पर एडवांस्ड तकनीकों का अध्ययन कर सके.

न्यायमूर्ति एनएच पाटिल और न्यायमूर्ति एसबी सुकरे की खंडपीठ ने कहा, ‘प्लेटफॉर्म और दूसरी जगहों पर लगे सीसीटीवी पुरानी तकनीक वाले हैं. इससे अपराध रोकने में सहयोग नहीं मिलता. आपको (रेलवे को) उन्नत प्रौद्योगिकी लानी चाहिए. विशेषज्ञ तकनीकी समिति बनाने पर विचार कीजिए जो दुनिया भर में उन्नत प्रौद्योगिकियों का अध्ययन करे और सुझाव दे सके.’

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'मुंबई में श्रमबल की कमी'
अदालत कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिसमें महिलाओं के खिलाफ अपराध और इस तरह की घटनाओं को रोकने में राज्य सरकार की ‘नाकामियों’ का मुद्दा उठाया गया था. हाई कोर्ट ने कहा कि मुंबई जैसे सघन आबादी वाले महानगर में श्रमबल की कमी है इसलिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल ज्यादा होना चाहिए.

राज्य सरकार ने बुधवार को अदालत को सूचित किया कि वह हाई कोर्ट के सुझाव पर विचार कर रही है जो पिछली सुनवाई के दौरान सुझाया गया था. इस सिलसिले में सरकार बंबई शॉप्स एंड इस्टैब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन कर सकती है और अगर किसी दुकान के ट्रायल कक्ष में छुपा हुआ या गुप्त कैमरा पकड़ा जाता है तो उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है. अदालत ने सभी अधिाकारियों को निर्देश दिया कि तीन हफ्ते में हलफनामा दायर करें.

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(इनपुट: भाषा)

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