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गणतंत्र दिवस परेड से पहले ऐहतियाती आतंकवादरोधी उपायों के तहत दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में पैराग्लाइडर्स या माइक्रोलाइट विमानों की उड़ान पर रोक लगा दी. पुलिस कमिश्नर आलोक वर्मा ने बताया कि दिल्ली और इसके आसपास हवाई प्लेटफार्म देखे जाने की घटनाओं के बाद यह कदम उठाया गया है.
आयुक्त ने कहा कि रिपोर्ट मिली हैं कि पैराग्लाइडर, पैरामोटर, हैंगग्लाइडर, यूएवी, यूएएस, माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट जैसे हवाई प्लेटफार्म का प्रयोग करके कुछ अपराधी, असामाजिक तत्व या आतंकवादी आम लोगों, गणमान्य व्यक्तियों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा पर खतरा पैदा कर सकते हैं.
परेड में नहीं होंगे सीमा सुरक्षा में जुटे विशेष बल
राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा में जुटे देश के तीन विशेष बल इस साल राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं होंगे. अधिकारियों का कहना है कि चीन-भारत सीमा की सुरक्षा में जुटे आईटीबीपी, भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमा की रक्षा करने वाले सशस्त्र सीमा बल और पाकिस्तान तथा बांग्लादेश के साथ लगने वाली देश की सीमाओं की सुरक्षा करने वाले तथा देश के सबसे बड़े बल, सीमा सुरक्षा बल को अभी तक परेड की तैयारियों में शामिल होने को नहीं कहा गया है, जबकि समारोह में करीब 20 दिन का ही वक्त बचा है.
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और एसएसबी पिछले वर्ष भी परेड में शामिल नहीं हुए थे. वह पहला अवसर था जब देश के दो केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों ने गणतंत्र दिवस समारोह में भाग नहीं लिया. बल के मुख्यालय में तैनात एक वरिष्ठ अर्धसैनिक बल कमांडर का कहना है कि इस संबंध में कई संदेश और अनुरोध केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भेजकर यह मुद्दा रक्षा मंत्रालय के समक्ष उठाने को कहा गया था. हालांकि इस बाबत उन्हें अभी भी सकारात्मक खबर का इंतजार है.
अधिकारी ने कहा कि इन बलों में कार्यरत पुरुष और महिला कर्मी उपेक्षित और हतोत्साहित महसूस करते हैं कि वे राजपथ पर मार्च नहीं कर सकेंगे, जो किसी भी वर्दी पहनने वाले के लिए गौरव का विषय है. वे इतिहास में अपनी जगह खो देंगे.उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा में जुटे तीनों बलों में से किसी को भी राजपथ पर होने वाली परेड में शामिल होने को नहीं कहा गया है. हालांकि पहली बार ऐसा होगा जब एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडो गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेंगे.
झांकी में दिखेगा 'डिजिटल इंडिया'
इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान में यूपीआई और भीम ऐप के जरिए कैशलेस लेनदेन पर सीधी प्रस्तुति और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के करीब 40 सैनिकों की भागीदारी राजपाथ पर होने वाली परेड के प्रमुख आकर्षण होंगे.
दिलचस्प यह है कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) पहली बार परेड का हिस्सा होगा और थलसेना के विशेष बल (स्पेशल फोर्सेज) इस बार परेड में हिस्सा नहीं लेंगे.
सूत्रों ने बताया कि नोटबंदी के मोदी सरकार के फैसले के अनुरूप सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय नगद लेन-देन के बजाय डिजिटल लेन-देन दिखाएगा. उन्होंने कहा कि इस साल भारतीय थलसेना का स्वान दस्ता परेड में शामिल नहीं होगा. एनएसजी अपनी आतंकवाद-निरोधक और विशेष अभियान क्षमताएं प्रदर्शित करेगा.
इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में अबु धाबी के शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान मुख्य अतिथि होंगे. इसलिए यूएई की सेना की एक पलटन भी परेड में हिस्सा लेगी. साल 2016 में फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि थे और तब फ्रांससी सेना की एक टुकड़ी ने परेड में हिस्सा लिया था.