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नागालैंड में एक कथित रेपिस्ट को पीट-पीट कर मार डाले जाने का मुद्दा सोमवार को लोकसभा में उठा. मामले पर आवाज बुलंद करते हुए असम के कांग्रेस सदस्यों ने इस मामले को प्रदेश सरकार की विफलता करार दिया. सदन में शून्यकाल के दौरान यह मसला उठाते हुए कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा कि रेप का आरोपी सैयद फरीद खान एक भारतीय नागरिक था, बांग्लादेशी नहीं, जैसा कि दावा किया गया है.
उन्होंने कहा कि जेल में तैनात केंद्रीय बल आरोपी की रक्षा करने में विफल रहे. उन्होंने कहा कि उसे अदालत ने दोषी नहीं ठहराया था और मामले की सुनवाई का उसका अधिकार है. उन्होंने खान के इस अपराध का दोषी होने के संबंध में बयान नहीं देने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की.
गोगोई ने कहा कि इस क्षेत्र के मुस्लिमों को बांग्लादेशी समझा जाता है, जबकि खान एक सैनिक के परिवार से ताल्लुक रखता था. कांग्रेस की सुष्मिता देव ने पूर्वोत्तर के लोगों को नस्लीय आधार पर देखे जाने पर चिंता जाहिर करते हुए इस पर रोक लगाए जाने की मांग की.
बीजेपी के रमन डेका ने कहा कि जब इस प्रकार की घटनाएं होती हैं, तो कुछ समुदाय के लोगों के बीच एक प्रवृति होती है कि वे एकजुट हो जाते हैं और इससे मुद्दा नया मोड़ ले लेता है और इस पर नियंत्रण होना चाहिए. इससे पूर्व बीजेपी की बिजया चक्रवर्ती ने महानगरों में रह रहे पूर्वोत्तर के लोगों पर हमलों का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि ऐसी एक घटना में जब एक व्यक्ति पर हमला किया गया, तो उस व्यक्ति को पुलिस स्टेशन में बयान देने के लिए बुलाया गया, जबकि अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था.
- इनपुट भाषा