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अमेरिकी को सीरिया में हमले की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. इसके लिए उसे काफी धन खर्च करना पड़ रहा है. शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गृह युद्ध की आग में झुलसे सीरिया में हमला करके एक झटके में करीब 11 अरब रुपये खर्च कर दिए. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक शनिवार तड़के अमेरिका ने सीरिया पर 120 मिसाइलें दागीं. बताया जा रहा है कि ये सभी टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें थीं.
इकोनॉमिस्ट डॉट कॉम के मुताबिक एक अमेरिकी टॉमहॉक क्रूज मिसाइल की कीमत करीब साढ़े नौ करोड़ रुपये है. इस लिहाज से अमेरिका ने मौजूदा कार्रवाई में करीब 11 अरब रुपये की मिसाइलें दागीं. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक शुक्रवार को अमेरिका ने सीरिया पर 100 से 120 मिसाइलें दागीं. इससे पहले पिछले साल सीरिया में अमेरिका ने 59 टोमहॉक मिसाइलें दागी थीं. मालूम हो कि सीरिया में केमिकल हमले के बाद अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने सीरियाई सरकार के खिलाफ यह बड़ी सैन्य कार्रवाई शुरू की है.
सीरिया पर अटैक के बाद व्हाइट हाउस की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का एक बयान जारी किया गया है. ट्रंप ने कहा है कि जब तक सीरियाई शासन खतरनाक केमिकल एजेंटों का प्रयोग बंद नहीं कर देता है, तब तक अमेरिका और उसके सहयोगी देश हमला जारी रखेंगे.
वहीं, रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि शनिवार को सीरिया में 100 मिसाइलें दागी गई हैं. अमेरिका के साथ लामबंद फ्रांस और ब्रिटेन ने सीरिया के होम्स के पश्चिम स्थित केमिकल भंडारण ठिकाने, कमांड पोस्ट व केमिकल उपकरण भंडारण ठिकाने और दमिश्क स्थित साइंटिफिक रिसर्च सेंटर पर हमला बोला यानी सीरिया के तीन ठिकानों पर हमला किया गया. अमेरिका ने सीरिया पर हमला करने के लिए B-1 बॉम्बर्स, टोरनाडो जेट्स और युद्धपोत का इस्तेमाल किया.
शनिवार तड़के चार बजे दमिश्क में कई धमाकों की आवाज सुनी गई. साथ ही दमिश्क के इलाके से धुंधा उठता भी देखा गया. इससे पहले आसमान में विमान के उड़ने दिखाई दिए. ब्रिटेन के जेट से एक मिसाइल ठिकाने पर हमला किया गया. माना जा रहा है कि यहां पर सीरियाई सरकार केमिकल हथियारों को जमा कर रही थी, जबकि फ्रांस ने कहा कि इस सैन्य कार्रवाई का मकसद सीरियाई सरकार के गोपनीय केमिकल हथियारों को निशाना बनाना था.
इस हमले के बाद वैश्विक स्तर पर अमेरिका के साथ रूस और ईरान के रिश्ते बेहद नाजुक दौर में पहुंच गए हैं.
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सीरियन ओब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने सीरिया के साइंटिफिक रिसर्च सेंटर्स और कई सैन्य ठिकानों पर हमला किया. इस हमले में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की नौसेना और वायुसेना ने हिस्सा लिया. अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस का कहना है कि इस बार पिछले साल सीरिया में किए गए हमले से ज्यादा हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है. पिछले साल सीरिया में अमेरिका ने 59 टोमहॉक मिसाइलें दागी थीं.
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