
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई बातचीत सुर्खियों में है. इस खबर से हैरानी भी हो रही है क्योंकि चुनाव प्रचार के लिए दौरान ट्रंप ने पाकिस्तान को सबसे खतरनाक देश करार दिया था. पाकिस्तान की सरकार की तरफ से दावा किया गया है कि ट्रंप ने पाकिस्तान और वहां की जनता की जमकर तारीफ की है. यही नहीं ट्रंप ने पाकिस्तान दौरे का नवाज का न्योता भी कबूल कर लिया है.
दरअसल, शरीफ ने ट्रंप को फोन कर राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच तमाम मसलों पर बात हुई. हालांकि, पाकिस्तान की सरकार ने बयान जारी कर ट्रंप से हुई बातचीत के उन हिस्सों को प्रमुखता से पेश किया है जिनसे पाकिस्तान और वहां अवाम की इमेज न सिर्फ पड़ोसी मुल्कों बल्कि दुनिया के पटल पर भी शानदार दिखे. ट्रंप की टीम ने भी साफ किया है कि इस बातचीत के बारे में पाकिस्तान सरकार की ओर से जो कुछ कहा जा रहा है, वह पर्याप्त नहीं है. ट्रंप ने पाकिस्तान, वहां की अवाम और पीएम नवाज शरीफ के बारे में तमाम बातें कहीं हैं. इनमें से 5 बड़ी बातों का मतलब क्या है, आइए जानते हैं...
1. नवाज शानदार व्यक्ति हैं, वो बहुत अच्छा काम कर रहे हैं.
दुनिया के सबसे शक्तिशाली मुल्क के भावी राष्ट्रपति की ओर से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की इस कदर तारीफ नवाज शरीफ के लिए संजीवनी की तरह है. इस बयान से लगता है कि ट्रंप की नजर में नवाज शरीफ की इमेज पाकिस्तानी जनता की नजर में अपने पीएम की इमेज की तुलना में अच्छी है. क्योंकि हाल के दिनों में पनामा पेपर लीक समेत भ्रष्टाचार के तमाम आरोप पीएम शरीफ पर लगे हैं. नवाज शरीफ पर अपने परिवार के नाम देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में अकूत धनदौलत जमा करने के भी आरोप लगे हैं. इन आरोपों की वजह से नवाज के मुल्क में ही उनकी लोकप्रियता में कमी आई है.
2. पाकिस्तान एक शानदार देश और वहां के लोग बेहद समझदार हैं.
ट्रंप की ओर से पाकिस्तान और वहां की जनता की तारीफ किया जाना नव-निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति के रुख में बड़ा बदलाव है. इससे पहले चुनाव प्रचार में ही नहीं, ट्रंप वर्षों से पाकिस्तान की निंदा करते आ रहे हैं. साल 2012 में ट्रंप ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिये पाकिस्तान को भला-बुरा कहा था. राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान तो ट्रंप ने पाकिस्तान को खतरनाक देश तक करार दिया था. ट्रंप ने मुसलमानों की अमेरिकी में एंट्री पर बैन लगाने के वादे के साथ ही कुछ मुल्कों को आतंक का गढ़ करार दिया था. इस लिस्ट में पाकिस्तान का भी नाम था.
3. अनसुलझे मसलों को सुलझाने के लिए पाक जो भूमिका चाहे उसे निभाने के लिए अमेरिका तैयार .
ट्रंप के इस बयान का मूल तौर पर इशारा कश्मीर मसले पर है. यह मसला पाकिस्तान और भारत के बीच लंबे समय से झगड़े की जड़ बना हुआ है. ट्रंप से पहले भी अमेरिका के जो राष्ट्रपति हुए उन्होंने कश्मीर मसले को लेकर मध्यस्थता करने से साफ इनकार कर दिया. अमेरिका हमेशा से यही कहता है कि कश्मीर दोनों मुल्कों के बीच का मसला है और दोनों देश आपस में मिलकर ही इस मसले का हल निकाल सकते हैं. बावजूद इसके पाकिस्तान इस मसले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने पर तुला हुआ है.
4. मुझे नवाज शरीफ कभी भी फोन कर सकते हैं, 20 जनवरी से पहले भी.
अमेरिका और पाकिस्तान एक-दूसरे के पुराने सहयोगी रहे हैं लेकिन आतंकवादियों को शरण देने के मसले में हाल के वर्षों में दोनों मुल्कों के बीच रिश्तों में खटास आई है. अमेरिका में 9/11 हमले के मास्टरमाइंड अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को जब अमेरिकी सेना ने पाकिस्तान में घुसकर मारा था, उस वक्त दोनों देशों के रिश्तों में काफी कड़वाहट आ गई थी. इस वक्त भी पाकिस्तान और भारत की सरहद पर माहौल गर्म है. दोनों पड़ोसी मुल्कों के रिश्ते दिन-ब-दिन तनावपूर्ण होते जा रहे हैं. ऐसे में किसी भी वक्त पाकिस्तान को अमेरिका की जरूरत पड़ सकती है ताकि वो भारत के साथ रिश्ते सामान्य करने के लिए मध्यस्थता कर सके.
5. पाकिस्तान का दौरा मेरे लिए सम्मान की बात होगी.
ट्रंप अगर पाकिस्तान का दौरा करते हैं तो यह उसके लिए फायदेमंद होगा. अमेरिका की तरफ दी जाने वाली मदद का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान को जाता है. साल 2017 में पाकिस्तान को अमेरिका की तरफ से आर्थिक और सुरक्षा सहायता के नाम पर करीब एक अरब डॉलर की मदद मिलने का अनुमान है. यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने यहां तक कह दिया था कि पाकिस्तान अमेरिका का दोस्त नहीं है. अमेरिका ने पाकिस्तान को अरबों-खरबों डॉलर दिए लेकिन बदले में उसे मिला क्या? भारत ने हाल के दिनों में पाकिस्तान को कूटनीति के मोर्चे पर मात देते हुए उसे पड़ोसी मुल्कों के बीच भी अलग-थलग करने में कामयाबी हासिल की है. ऐसे में पाकिस्तान दुनिया के सामने यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि अमेरिका उसके साथ है.