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ट्रंप ने आतंकियों को पनाह देने पर PAK को फिर चेताया हैः अमेरिकी उपराष्ट्रपति

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को अपनी सरजमीं पर तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों को पनाहगाह मुहैया कराने को लेकर फिर से चेताया है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उसने अपनी सरजमीं पर आतंकवादियों को पनाह देना बंद नहीं किया, तो उसे इसका लंबी खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

पाकिस्तानी पीएम खाकान अब्बासी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तानी पीएम खाकान अब्बासी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
राम कृष्ण
  • वॉशिंगटन/इस्लामाबाद,
  • 23 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:20 AM IST

अमेरिका ने आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान को एक बार फिर से चेतावनी दी है. अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को अपनी सरजमीं पर तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों को पनाहगाह मुहैया कराने को लेकर फिर से चेताया है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उसने अपनी सरजमीं पर आतंकवादियों को पनाह देना बंद नहीं किया, तो उसे इसका लंबी खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

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अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस की यह टिप्पणी उनकी अघोषित अफगानिस्तान यात्रा के दौरान सामने आई. गृहयुद्ध की आग में झुलसे अफगानिस्तान की जमीनी हकीकत के आकलन के लिए पेंस अफगानिस्तान की यात्रा पर हैं. पेंस ने अपनी इस यात्रा के दौरान अफगानिस्तान के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की और ट्रंप की नई दक्षिण एशिया नीति के क्रियान्वयन व इस संबंध में हो रही प्रगति पर चर्चा की.

इससे पहले अगस्त में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी दक्षिण एशिया नीति की घोषणा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करने को लेकर पाकिस्तान की कड़ी निंदा की थी. अफगानिस्तान के बगराम वायुसेना अड्डे पर अमेरिकी सैनिकों से पेंस ने कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों को पनाहगाह मुहैया करा रहा है, लेकिन अब वह दिन लद चुके हैं. ट्रंप ने पाकिस्तान को इसके लिए चेतावनी दी है.

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अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैं वही कह रहा हूं, जो राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है. अमेरिका के साथ साझेदारी से पाकिस्तान ने बहुत कुछ पाया है, जबकि अपराधियों और आतंकवादियों को लगातार पनाह मुहैया कराकर पाकिस्तान बहुत कुछ गंवा भी सकता है. वहीं, पेंस की टिप्पणी पर पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन के साथ पाकिस्तान की जो पहले विस्तृत बातचीत हुई थी, उसमें और पेंस के अब के बयान में काफी अंतर है. उन्होंने कहा कि ध्यान शांति और सुलह के तंत्रों के निर्माण पर केन्द्रित होना चाहिए. पेंस ने कहा कि अपने सशस्त्र बलों के प्रभाव को सीमित करने वाले प्रतिबंधों को हमने हटा दिया है, इसलिए जैसा कि राष्ट्रपति ने कहा, आप लोग दुश्मन के खिलाफ पूरी तरह से अपनी सैन्य शक्ति का प्रयोग कर सकते हैं.

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और प्रधानमंत्री अब्दुल्ला अब्दुल्ला के साथ अपनी बैठक के बाद पेंस ने कहा कि सहभागिता के लिए हम लोग आगे की दिशा में बढ़ रहे हैं और न सिर्फ अफगानिस्तान में शांति व सुरक्षा को हासिल करने की दिशा में लगातार कोशिश कर रहे हैं, बल्कि अमेरिका के लोगों के लिए भी शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं.

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