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अमेरिकी महिला ने सुनाया हिंदी गाना, तो मीटर से चलने को राजी हुआ ऑटो ड्राइवर

भारत भ्रमण पर निकली एक अमेरिकी महिला ऑटो ड्राइवर्स को कायदे से चलाने के लिए गाती है हिंदी गाने. यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से आई रिसर्च स्कॉलर क्रिस्टीन फेयर को जब एक ऑटो ड्राइवर ने हैदराबाद में चारमीनार जाने को मना कर दिया, तो वो तुरंत ऑटो में पीछे जाकर बैठ गई और 1990 की फिल्म 'दिल' का गाना 'मुझे नींद न आए' गाने लगी.

रिसर्च स्कॉलर क्रिस्टीन फेयर रिसर्च स्कॉलर क्रिस्टीन फेयर
aajtak.in
  • हैदराबाद,
  • 04 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 7:35 PM IST

भारत भ्रमण पर निकली एक अमेरिकी महिला ऑटो ड्राइवर्स को कायदे से चलाने के लिए गाती है हिंदी गाने. यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से आई रिसर्च स्कॉलर क्रिस्टीन फेयर को जब एक ऑटो ड्राइवर ने हैदराबाद में चारमीनार जाने से मना कर दिया, तो वो तुरंत ऑटो में पीछे जाकर बैठ गई और 1990 की फिल्म 'दिल' का गाना 'मुझे नींद न आए' गाने लगी.

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विदेशी महिला को हिंदी गाना गाते देख ऑटो ड्राइवर सकते में आ गया और तुरंत मीटर चालू कर ऑटो स्टार्ट कर दिया. क्रिस्टीन ने इसका वीडियो बनाकर यूट्यूब पर अपलोड किया है.

फेयर ने ऑटो ड्राइवर्स को सबक सिखाने के लिए यह पैंतरा दिल्ली और मुंबई समेत कई शहरों में अपनाया है. उन्होंने बताया कि ऑटो वाले जब मनमानी करते हैं तो वो जबरन ऑटो में बैठ जाती हैं और तब तक हिंदी गाने गाती रहती हैं, जब तक ऑटो वाले सीधे रस्ते से चलने के लिए राजी नहीं हो जाते.

फेयर के पास तमाम बॉलीवुड गानों की प्लेलिस्ट है और वो खुद भी काफी अच्छी हिंदी बोल लेती हैं. फेयर ने 'साउथ एशियन लैंग्वेजेज एंड सिविलाइजेशन्स' में पीएचडी की है. उन्होंने हिंदी के साथ साथ उर्दू और पंजाबी भी सीखी है.

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फिलहाल वो 'लश्कर-ए-तैयबा इन देयर ओन वर्ल्ड्स' नामक किताब पर काम कर रही हैं. साथ ही पकिस्तान में आतंकवाद की सहायता को लेकर भी उनकी रिसर्च जारी है. फेयर बताती हैं,  'लोगों को लगता है कि मैं पागल हूं. लेकिन मैं एक सीरियस स्कॉलर हूं. मैं साउथ एशिया के पॉलिटिकल मिलिट्री अफेयर्स के बारे में लिखती हूं.'

अपने मन का काम करवाने के लिए गाने गाना फायदेमंद हो सकता है, यह उन्हें 2009 में पता चला जब उन्हें हेरात से काबुल की फ्लाइट लेनी थी.

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