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बेकार टायरों के इस्तेमाल से इमारतों पर भूकंप का असर कम करने की योजना

बेकार टायर पर्यावरण के लिहाज से भले ही असुरक्षित हो सकते हैं लेकिन जापान के एक विश्वविद्यालय में कार्यरत असम के एक प्रोफेसर ने इनका इस्तेमाल करके भूकंप रोधी तकनीक विकसित की है जो उनके मुताबिक इमारतों पर भूकंप के असर को कम करने के लिहाज से किफायती और प्रभावी हो सकती है.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 मई 2015,
  • अपडेटेड 9:45 PM IST

बेकार टायर पर्यावरण के लिहाज से भले ही असुरक्षित हो सकते हैं लेकिन जापान के एक विश्वविद्यालय में कार्यरत असम के एक प्रोफेसर ने इनका इस्तेमाल करके भूकंप रोधी तकनीक विकसित की है जो उनके मुताबिक इमारतों पर भूकंप के असर को कम करने के लिहाज से किफायती और प्रभावी हो सकती है.

जापान में फुकुओका के क्यूशू विश्वविद्यालय में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर हेमंत हजारिका ने कहा कि इन तकनीकों को पूरी दुनिया में और खासतौर पर एशिया में लागू किया जा सकता है. हजारिका फिलहाल जापान के एक विशेषज्ञ दल के साथ भूकंप प्रभावित नेपाल में सहायता कार्य के लिए आए हैं. उन्होंने एक तकनीक का पेटेंट कराया है और जापान में अगले कुछ महीने में परंपरागत दीवार की जगह टायर वाली दीवार के प्रोटोटाइप का निर्माण करने की योजना बनाई है.

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यह दीवार पिछले साल नगानो में आये भूकंप में पूरी तरह तबाह हो गई थी. 47 वर्षीय हजारिका ने कहा, 'ये तकनीक पर्यावरण को सुरक्षित रख सकती हैं, आपदा को कम कर सकती हैं और लागत कम कर सकती है.'

इनपुट: भाषा

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