
मुजफ्फरनगर के खतौली रेलवे स्टेशन पर पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन हादसा रेलवे स्टाफ की विफलता का नतीजा था. इसके लिए पूरी तरह से रेलवे के कर्मचारी जिम्मेदार हैं. इसका खुलासा रेलवे सुरक्षा के कमिश्नर की प्रारंभिक रिपोर्ट में हुआ है. उत्तरी सर्किल के रेलवे सुरक्षा कमिश्नर शैलेश कुमार पाठक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह हादसा रेलवे स्टाफ की विफलता की वजह से हुआ है.
दरअसल, पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंग उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन मुजफ्फरनगर के खतौली रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गई. ट्रेन के 14 डिब्बे पटरी से उतरकर अगल-बगल के घरों और एक स्कूल में घुस गए. ये ट्रेन पुरी से हरिद्वार जा रही थी. हादसा 19 अगस्त की शाम 5 बजकर 46 मिनट पर हुआ. इस हादसे में 23 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 40 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे और 66 लोगों को मामूली चोटें आई थीं.
इसके अलावा उत्कल ट्रेन हादसे के एक सप्ताह के भीतर 23 अगस्त को आजमगढ़ से दिल्ली आ रही 12225 (अप) कैफियत एक्सप्रेस औरैया के पास दुर्घटना ग्रस्त हो गई थी. मानव रहित फाटक पर ट्रेन एक डंपर से टकरा गई. उत्तर पूर्वी सर्किल के रेलवे सुरक्षा कमिश्नर सतीश कुमार पांडे की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि डंपर चालक की गलती के चलते हादसा हुआ था. उसने घोर लापरवाही बरती थी.
इस हादसे में ट्रेन के इंजन सहित 10 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. घटना में 19 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जबकि 30 लोगों को मामूली चोटें आई थीं.