
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 10 मई को उत्तराखंड विधानसभा में होने वाले शक्ति परीक्षण के मद्देनजर बीजेपी ने अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है. हालांकि दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी से निलंबित विधायक भीमलाल आर्य के परिवार ने व्हिप की कॉपी लेने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पार्टी ने व्हिप की कॉपी उनके दोनों आवास के बाहर चस्पा कर दी.
बता दें कि भीमलाल आर्य पार्टी के दिग्गजों के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं. बीजेपी द्वारा तमाम साक्ष्य प्रस्तुत करने के बावजूद स्पीकर ने भीमलाल की सदस्यता निरस्त नहीं की. ऐसे में भीमलाल का फ्लोर टेस्ट के दौरान हरीश रावत के पक्ष में वोट करना तय माना जा रहा है. जबकि पार्टी की कोशिश किसी भी तरह उन तक व्हिप का पर्चा पहुंचाना है.
...तो पार्टी करेगी जरूरी कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, बीजेपी विधानमंडल के मुख्य सचेतक मदन कौशिक रविवार को आर्य के आवास व्हिप की कॉपी लेकर पहुंचे. लेकिन परिवार वालों ने कॉपी लेने से मना कर दिया. इसके बाद कौशिक ने विधायक के हॉस्टल स्थित दोनों आवास के बाहर व्हिप की कॉपी चस्पा कर दी. समझा जा रहा है कि अगर 10 तारीख को आर्य सदन में उपस्थित होकर बीजेपी के पक्ष में भाग नहीं लेते हैं तो पार्टी की तरफ से जो भी जरूरी कार्रवाई होगी जाएगी.
कांग्रेस विधायकों को भी व्हिप
गौरतलब है कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों राजनीतिक दल अपने-अपने विधायकों तक व्हिप की कॉपी पहुंचाने में जुटे हुए हैं. राज्य विधानसभा में कांग्रेस की मुख्य सचेतक और पूर्व संसदीय कार्यमंत्री इंदिरा ह्रदयेश ने शनिवार को बताया कि पार्टी के सभी विधायकों को 10 मई को होने वाले शक्ति परीक्षण को लेकर व्हिप जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
फ्लोर टेस्ट से पहले बैठक करेंगे रावत
उन्होंने बताया कि ई-मेल, एसएमएस और चिटठी सहित सभी माध्यमों से भेजे जा रहे व्हिप में सभी विधायकों को हर परिस्थिति में 10 मई को विधानसभा में मौजूद रहने और हरीश रावत सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले विश्वास मत के समर्थन में मतदान करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि शक्ति परीक्षण से पहले कांग्रेस विधानमंडल दल की एक बैठक भी बुलाई जाएगी. हालांकि, इसका समय पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ सलाह मशविरा करने के बाद तय किया जाएगा.
क्या हैं सदन के आंकड़े
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अपनी निगरानी मे उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराए जाने के आदेश दिए हैं. कांग्रेस के नौ अयोग्य घोषित हो चुके विधायकों को राज्य विधानसभा में 10 मई को होने वाले शक्ति परीक्षण के दौरान मतदान से वंचित रखे जाने के न्यायालय के आदेश से सदन में कांग्रेस लाभ की स्थिति में नजर आ रही है. नौ विधायकों के अयोग्य घोषित होने से 71 विधायकों की क्षमता वाली विधानसभा की प्रभावी सदस्य संख्या 62 रह गई है, जिसमें बहुमत साबित करने के लिए 31 विधायकों का समर्थन जरूरी होगा. निलंबित उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष कुंजवाल ने इस संबंध में बताया कि 62 सदस्यों की प्रभावी क्षमता वाले सदन में अध्यक्ष को छोडकर अन्य सभी 61 विधायक मतदान में हिस्सा लेंगे और बहुमत का आंकड़ा हासिल करने के लिए 31 विधायकों का समर्थन जरूरी होगा.
विधानसभा में कांग्रेस की संख्या 27 है, जबकि बीजेपी के पास 28 विधायक हैं. कांग्रेस के पास अपने 27 विधायकों के अलावा छह सदस्यीय प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा (पीडीएफ) और एक मनोनीत विधायक का भी समर्थन है, जिसके बल पर उसके सदन में आसानी से बहुमत के 31 के जादुई आंकड़े को पार करने की पूरी संभावना है.