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GST और नोटबंदी से परेशान होकर जहर पीने वाले कारोबारी की मौत

बता दें, हल्द्वानी के रहने वाले प्रकाश पांडे पेशे से एक ट्रांसपोर्टर थे. शनिवार को पांडे अपनी फरियाद में कृषि मंत्री से गुहार लगाते हुए कहा था कि जीएसटी लागू होने से उसके धंधे में मंदी आ गई है. जिसके बाद वह पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं. उसके पास बैंक से लिए लोन की ईएमआई चुकाने के लिए पैसे न‍हीं हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
रणविजय सिंह
  • देहरादून\हल्द्वानी ,
  • 09 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 11:39 PM IST

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के जनता दरबार कार्यक्रम में कीटनाशक खाने वाले ट्रांसपोर्ट व्यापारी प्रकाश पांडे की मौत हो गई है. पांडे की मौत देहरादून के नामी मैक्स अस्पताल में हुई. पांडे को आईसीयू में रखा गया था. प्रकाश पांडे ने शनिवार (6 जनवरी) को देहरादून स्थित बीजेपी प्रदेश कार्यालय में चल रहे कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के जनता दर्शन में जहर पीकर आया था. उन्होंने जीएसटी और नोटबंदी से अपने कारोबार को हुए घाटे का जिक्र करते हुए मौजूदा प्रदेश सरकार पर अपनी अनदेखी का आरोप लगाया था. इस मुद्दे पर आजतक से बात करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दुख जताया है.

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बता दें, हल्द्वानी के रहने वाले प्रकाश पांडे पेशे से एक ट्रांसपोर्टर थे. शनिवार को पांडे अपनी फरियाद में कृषि मंत्री से गुहार लगाते हुए कहा था कि जीएसटी लागू होने से उसके धंधे में मंदी आ गई है. जिसके बाद वह पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं. उसके पास बैंक से लिए लोन की ईएमआई चुकाने के लिए पैसे न‍हीं हैं.

साथ ही उसकी आर्थिक तंगी इतनी बढ़ गई है कि उसके पास अपने बच्चों की स्कूल की फीस चुकाने तक के लिए पैसा नहीं है. प्रकाश ने कहा था कि वह अपनी इस समस्या से बेहद परेशान है. जिसके चलते वो जहर पीकर आया है. इसे देखते ही वहां मौजूद हर शख्स के हाथ पांव फूल गए. आनन-फानन में कृषि मंत्री ने फरियादी को अस्पताल पहुंचाने को कहा. इसपर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उसे कृषि मंत्री की गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया था.

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इस मामले पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा था, जहर की बात मालूम होते ही उसे इलाज के लिए भेजा गया. कृषि मंत्री ने इसे विपक्ष की राजनीति से प्रेरित प्रायोजित हंगामा भी बताया था.  वहीं, अब ये भी सवाल उठ रहे हैं कि कहीं प्रकाश की परेशानी का फायदा तो नहीं उठाया गया. सवाल अनेक हैं जिसके जवाब त्रिवेंद्र सरकार को ढूंढने पड़ेंगे. क्योंकि इस मुद्दे को लेकर सरकार अब कटघरे में है.

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