
झारखंड के पलामू जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. कई तरह की बीमारियों से लड़ने के लिए छोटे बच्चों को दिया जाने वाला टीका ही बच्चों के लिए काल साबित हुआ. टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच्चों को मिजिल्स का टीका दिया गया था. आरोप है कि टीका लगाए जाने के बाद कई बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी.
फिर एक-एक करके चार मासूमों की मौत हो गई जबकि कई बच्चों की हालत गंभीर है, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं राज्य सरकार ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और आरोपी एएनएम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
टीकाकरण के बाद उलटी और दस्त शुरू
टीका लगने के बाद बच्चों को बुखार और दस्त शुरू होने से हालत बिगड़ने लगी. जब तक सही से इलाज हो पाता तबतक हंसते खेलते 4 मासूम बच्चे काल के गाल में समां गए. जबकि अन्य सात बच्चों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. बताया जाता है कि स्थानीय उपस्वास्थ्य केंद्र में ग्यारह मासूमों को डीपीटी का टीका लगाया गया था. बच्चों के परिजन टीकाकरण करने वालों को दोषी ठहरा रहे हैं.
स्वास्थ्य सचिव ने दिया कड़ी कार्रवाई का आदेश
मामला प्रकाश में आते ही राज्य सरकार ने घटना की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. साथ ही टीकाकरण करने वाली एएनएम को निलंबित कर दिया गया है. जांच अधिकारियों ने उस टीके को अपने कब्जे में ले लिया गया है, जिससे बच्चों के टीकाकरण किया गया था. स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने कहा कि जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि आखिर बच्चों की मौत कैसे हुई.
WHO और UNICEF की टीम भी जांच के लिए पहुंची
स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में चार बच्चों की मौत के बाबजूद स्वास्थ्य मंत्री निकाय चुनाव में व्यस्त हैं. हालांकि मामला सामने आने के बाद WHO और UNICEF की टीम के साथ-साथ राज्य सरकार की टीम भी पलामू पहुंची. जो बच्चों के मौत के मामले की गहराई से छानबीन करेगी.