
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पुल गिरने से अब तक 15 लोगों की मौत हो गई है. जबकि 11 जख्मी लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. हादसे के बाद देर रात तक रेस्क्यू आपरेशन चलाया गया और अब घटनास्थल पर बचाव का काम पूरा हो गया है. क्षतिग्रस्त वाहन घटनास्थल से हटा लिए गए हैं.
हादसे के बाद योगी सरकार एक्शन में दिखाई दे रही है. सरकार ने चीफ मैनेजर समेत चार लोगों को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही जांच कमेटी गठित कर 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी है. इस जांच कमेटी के चीफ राज प्रताप सिंह सुबह घटनास्थल पर पहुंचे हैं.
यह हादसा मंगलवार शाम 4 बजे के करीब वाराणसी-इलाहाबाद की ओर जाने वाले राजमार्ग पर हुआ, जब ये ओवरब्रिज भरभराकर गिर गया. ओवरब्रिज के नीचे ट्रैफिक चल रहा था. गाड़ियां सड़क से चिपक गईं. जो जहां था, वहीं थमकर रह गया. कुछ लोगों की चीखें निकल गईं, वहीं कुछ को चीखने का मौका तक नहीं मिला. देखते ही देखते 15 लोग मौत के मुंह में समा गए.
जैसे ही ओवरब्रिज भरभराकर गिरा, वहां अफरातफरी मच गई, चीख पुकार मच गई. कारों के परखच्चे उड़ गए. हादसे की चपेट में एक मिनी बस, कार और कई मोटरसाइकिल आ गई. पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि 8 से 10 मोटरसाइकिल भी इसकी चपेट में आई हैं.
वाराणसी में घायलों से मिले सीएम योगी
हादसे के बाद देर रात वाराणसी पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चस्तरीय जांच टीम गठित कर उनसे 48 घंटे में हादसे पर रिपोर्ट मांगी है. साथ ही उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. सीएम योगी ने इस दौरान वाराणसी में घायल लोगों से भी मिले. अधिकारियों ने बताया कि निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा जब ढहा, उस वक्त कोई काम नहीं चल रहा था. अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुल निर्माण निगम इस 2261 मीटर लंबे फ्लाईओवर का निर्माण 129 करोड़ की लागत से कर रहा था. फ्लाईओवर का जो हिस्सा गिरा है, उसे तीन महीने पहले ही बनाया गया था.
चार अधिकारी सस्पेंड
ओवरब्रिज के मुख्य परियोजना प्रबंधक एच सी तिवारी समेत चार अधिकारियों को मंगलवार देर रात निलंबित कर दिया गया. सस्पेंड किए गए अफसरों में चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर एचसी तिवारी, प्रोजेक्ट मैनेजर राजेंद्र सिंह, केआर सुदान और एक अन्य राज्य सेतु निगम कर्मचारी लालचंद शामिल हैं.
पीएम ने जताया दुख, योगी ने दी उन्हें पूरी जानकारी
प्रधानमंत्री एवं स्थानीय सांसद नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात कर स्थिति का जायजा लिया और हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की. साथ ही प्रभावित लोगों की हर सम्भव मदद सुनिश्चित करने को कहा. पीएम मोदी के अलावा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी हादसे में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.
जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित
लखनऊ में एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को मौके पर भेजा. जिनके निर्देश पर मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिये कृषि उत्पादन आयुक्त राज प्रताप सिंह की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जो 48 घंटे के अंदर मामले की तकनीकी जांच, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के प्रस्ताव के साथ अपनी रिपोर्ट उपलब्ध करायेगी.
योगी ने राज्य सरकार की तरफ से मृतकों के परिजन को 5-5 लाख रुपये तथा घायलों को 2-2 लाख रुपये की सहायता का एलान भी किया.
डिजाइन पर उठे सवाल
इस ओवरब्रिज के डिजाइन को लेकर शुरू से ही सवाल उठते रहे हैं. इस प्रोजेक्ट को 2 मार्च, 2015 को इजाजत मिली थी. इस 1710 मीटर लंबे फ्लाईओवर के लिए 77 करोड़ 41 लाख रुपये का बजट पास किया गया था. 25 अक्टूबर, 2015 से इस फ्लाईओवर के निर्माण का काम शुरू हुआ था. इस निर्माणाधीन पुल के डिजाइन को लेकर जुलाई, 2017 में ही सवाल किए गए थे. ऐसा कहा गया कि फ्लाईओवर की डिजाइन ऐसी बना दी गई है, जो भारी वाहनों के लिए मुसीबत बन गई है.
वाराणसी हादसा: चश्मदीदों की जुबानी, देर में पहुंची पुलिस-क्रेन
कैंट रेलवे स्टेशन के पास ही स्थित रोडवेज बस स्टेशन के नजदीक इस फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हुआ तो पिलर पर लगे स्लैब किसी भारी वाहन की टक्कर से हिल गए थे. वाहन की टक्कर से हिल गए इन पिलर्स को ठीक करने का स्थायी निदान अफसरों को सूझ नहीं रहा था. फिर यूपी राज्य सेतु निगम के अफसरों ने इस खामी को छिपाने के लिए बैरियर लगाकर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी. वास्तव में शुरुआत में लगे चार स्लैब भारी वाहनों से टकराने के चलते हिलने लगे थे.
तभी से यह आशंका जताई जा रही थी कि जब फ्लाईओवर के नीचे की सड़क बनेगी तो उसकी ऊंचाई बढ़ जाएगी. ऐसे में फ्लाईओवर के नीचे से भारी वाहन के गुजरने पर स्लैब के फिर से क्षतिग्रस्त होने की आशंका जताई जा रही थी. बताया जा रहा है कि इस फ्लाईओवर का निर्माण कार्य पूरा करने की अवधि पहले दिसंबर, 2018 निर्धारित थी. लेकिन बाद में इसे घटाकर मार्च, 2018 कर दिया गया. लेकिन एकबार फिर इसके निर्माण की मियाद बढ़ा दी गई.