
देश के 29 राज्यों के शहरों और कस्बों में एक ऐसा शहर या कस्बा नहीं है जहां कभी महिला की आबरु ना लुटी हो. बुलंदशहर बस इसलिए सुर्खियों में है क्योंकि यहां का मामला अभी ताजा है. ठीक वैसे ही जैसे कभी 16 दिसंबर को लेकर राजधानी दिल्ली सुर्खियों में थी.
पूरे हिंदुस्तान को एक सिरे से दूसरे सिरे तक जोड़ने वाली नेशनल हाईवे जैसी जगह पर एक पूरे परिवार को उसकी कार समेत बंधक बनाया गया. कार में सवार मां और उसकी मासूम बेटी के साथ कई घंटे तक गैंगरेप होता रहा और मुजरिमों को जरा भी डर नहीं लगा. मुजरिमों को कानून, पुलिस, समाज और उस वक्त हाईवे से गुजर रहे लोगों का कोई डर नहीं हुआ.
रुह को झकझोर देने वाली बुलंदशहर की हैवानियत से खुद को बचाने के लिए हम शर्मिंदगी की चादर ओढ़ लेंगे और गम का, दर्द का मौसम भी गुजर जाएगा. हमारे नेता और पुलिस भी यही चाहती है. लेकिन उस पिता और पति के दिल को छलनी कर देने वाली इस सदा का क्या? उसकी फरियाद, उसके गुस्से उसकी मांग का क्या? हमारे देश के हर नेता और पुलिस वालों को इस बदनसीब पिता और पति की आवाज जरूर सुननी चाहिए.
कहां है कानून?
देश की राजधानी दिल्ली से सिर्फ 100 किलोमीटर दूर बुलंदशहर के एक बदनसीब पिता, पति और उसकी दिल को चीर देने वाली बातें ये बताने के लिए काफी हैं कि 16
दिसंबर के बाद का हिंदुस्तान कैसा है? एक पिता, एक पति की आंखों के सामने उसकी पत्नी और नाबालिग बेटी की आबरु लूटी. एक घर के मुखिया के सामने उसके घर
की आबरु तार-तार करने वालों को भी शायद पता था कि जिस राज्य जिस देश में कानून आज भी खूंटी पर टंगा हो, जिसकी रफ्तार आज भी सुस्त हो, वहां भला हाईवे
की स्पीड पकड़ कर कौन उन्हें पकड़ेगा.
लगाई इंसाफ की गुहार
लाचार हिंदुस्तानी पिता और पति बोल रहा रहा है कि हमें पता कि इस वक्त सारे दिलासे दिए जाएंगे. सारे वादे किए जाएंगे. हमदर्दी जताई जाएगी और फिर उसके बाद
क्या? क्या उसके बाद फिर कोई मासूम दरिंदगी का शिकार नहीं होगी? लाचार पिता और पति तीन महीने में इंसाफ की मांग की जिंद पकड़े बैठा है.रेप पीड़िता नाबालिग लड़की के पिता ने कहा कि अगर दोषियों को तीन महीने के अंदर सजा नहीं दिलाई गई तो उनका पूरा परिवार आत्महत्या कर लेगा.