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विपक्ष की तैयारी: वसुंधरा और रमन सिंह को दो महिलाएं देंगी चुनौती

राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों को इस बार चुनाव में थोड़ा ज्यादा पसीना बहाना पड़ सकता है क्योंकि इन राज्यों के शीर्ष नेताओं के खिलाफ 2 सशक्त महिला उम्मीदवार ताल ठोंकने जा रही हैं जिनसे पार पाने के लिए इन्हें खासा पसीना बहाना पड़ सकता है.

दो CM के खिलाफ 2 दमदार महिला उम्मीदवार (फोटो-सोशल मीडिया) दो CM के खिलाफ 2 दमदार महिला उम्मीदवार (फोटो-सोशल मीडिया)
सुरेंद्र कुमार वर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 22 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 3:56 PM IST

राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं, लेकिन बीजेपी शासित इन दोनों राज्यों में जहां सत्तारुढ़ पार्टी अपनी सत्ता बचाए रखने को लेकर फिक्रमंद है तो वहीं विपक्षी गुट दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ दो सशक्त महिलाओं को उम्मीदवार बनाकर चुनाव को दिलचस्प बनाने की कवायद में जुट गए हैं.

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वसुंधरा के खिलाफ IPS की बीवी

पहले बात करते हैं राजस्थान की. राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए इस चुनाव में लगातार दूसरी बार जीत हासिल करने का दबाव है और इसके लिए वह लगातार प्रयास भी कर रही हैं. हालांकि इस बार राज्य में बीजेपी को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही है.

वहीं मुख्यमंत्री वसुंधरा के खिलाफ राजस्थान कैडर के चर्चित आईपीएस पंकज चौधरी की दूसरी पत्नी मुकुल चौधरी ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया हुआ है. मुकुल का कहना है कि वह मुख्यमंत्री राजे के खिलाफ झालरापाटन से चुनाव लड़ेंगी. वह राजस्थान की बेटी हैं. पिछले कुछ सालों से अमूमन शांत रहने वाले प्रदेश राजस्थान में सांप्रदायिक तनाव, महिलाओं के खिलाफ अपराध, भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था की हालत खराब हो गई है.

मुकुल चौधरी का आरोप है कि वसुंधरा राजे की सरकार में भ्रष्टाचार का बोलबाला है. भ्रष्ट अधिकारियों की सुनी जाती है जबकि ईमानदार अधिकारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है. अपने पति और आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी के बारे मुकुल चौधरी का कहना है कि पंकज एक सोच हैं, उन्होंने राजस्थान में ईमानदारी की मिसाल कायम की है और बेईमानों के खिलाफ हमेशा आवाज उठाई है. फिर भी सरकार की तरफ से सात मामलों में चार्जशीट का सामना कर रहे हैं. रानी को उनके कर्म ही हराएंगे.

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आईपीएस पंकज चौधरी की पत्नी मुकुल की मां शशि दत्ता भैरोंसिंह शेखावत सरकार में विधि एवं कानून मंत्री थीं, लेकिन बाद में वह बसपा में चली गई थीं.

रमन के खिलाफ वाजपेयी की भतीजी

अब छत्तीसगढ़ की बात, राज्य में रमन सिंह पिछले 15 सालों से सत्ता पर काबिज हैं और उनकी कोशिश इस बार भी चुनाव जीतने की है. इसके लिए वह लगातार प्रयास में जुटे हैं. मुख्य विपक्षी कांग्रेस न सिर्फ उनकी पार्टी बीजेपी बल्कि रमन सिंह को भी हराने की कवायद में जुटी है.

मुख्यमंत्री रमन सिंह को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी और बाजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुईं करुणा शुक्ला को तैयार किया है. उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने के लिए स्क्रीनिंग कमेटी ने अपनी सिफारिश कांग्रेस आलाकमान से की है.

हालांकि इस सीट से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोतीलाल वोरा और दुर्ग से एकमात्र कांग्रेसी सांसद ताम्रध्वज साहू के नाम पर भी विचार किया गया. लेकिन दोनों ही नेताओं ने विधानसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया. इसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने करुणा शुक्ला के नाम पर अपनी मुहर लगाईं.

फिलहाल बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की निगाहें अजीत जोगी के अगले कदम पर टिकी हुई है. अजीत जोगी ने पिछले दिनों यह ऐलान किया था कि वह रमन सिंह के खिलाफ हर हाल में चुनाव लड़ेंगे, लेकिन तारीखों का ऐलान होने के बाद उनकी पार्टी की ओर से कहा गया कि वह राज्य में पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे और चुनाव नहीं लड़ेंगे.

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हालांकि एक बार फिर उन्होंने यू-टर्न करते हुए ऐलान किया कि वह राज्य में चुनाव लड़ेंगे और वह भी परंपरागत मरवाही विधानसभा सीट से.

अब देखना होगा कि इन दोनों विधानसभा चुनाव में सत्ता बचाने के साथ-साथ ये दोनों मुख्यमंत्री दोनों कद्दावर महिला प्रतिद्वंद्वियों से कैसे निपटते हैं?

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