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विजेंद्र गुप्ता का आरोप, दिल्ली सरकार ने कोर्ट की लड़ाई में फूंक दिए करोड़ों

केंद्र के साथ अधिकारों की लड़ाई में दिल्ली सरकार को पहले हाईकोर्ट का झटका लगा और अब विपक्ष सरकार को आरोपों से घेरने में जुटा है. दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार हाई कोर्ट में हारी हुई लड़ाई लड़ रही थी और इस लड़ाई पर वकीलों की फौज खड़ी करने में केजीरीवाल सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर दिए.

बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता
मोनिका शर्मा/कपिल शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 6:33 PM IST

केंद्र के साथ अधिकारों की लड़ाई में दिल्ली सरकार को पहले हाई कोर्ट से झटका लगा और अब विपक्ष सरकार को आरोपों से घेरने में जुटा है. दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार हाई कोर्ट में हारी हुई लड़ाई लड़ रही थी और इस लड़ाई पर वकीलों की फौज खड़ी करने में केजीरीवाल सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर दिए.

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वकीलों की फीस पर पैसा उड़ा रही है सरकार
गुप्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन को रद्द कराने के लिए जो केस दायर किया था, उसमें सरकारी वकीलों के साथ ही नामी प्राइवेट वकीलों को भी सरकार का पक्ष रखने के लिए तैनात किया, जिनकी फीस हर सुनवाई के लिए लाखों रुपये होती थी. गुप्ता ने कहा कि सरकार को इन पैसों का हिसाब देना होगा, लेकिन केजरीवाल सरकार जनता के पैसों की बर्बादी के इस खेल को छुपाने में जुटी है.

विजेंद्र गुप्ता ने मांगी थी खर्च की जानकारी
विजेंद्र गुप्ता ने अपने आरोपों के समर्थन में तीन पत्र भी जारी किए हैं. ये वो पत्र हैं, जिनमें विपक्ष के नेता के तौर पर उन्होंने दिल्ली के मुख्य सचिव से जानकारी मांगी थी कि दिल्ली सरकार के मुकदमों में कितने प्राइवेट वकीलों की सेवाएं ली गईं हैं और उन्हें कितना भुगतान किया गया है. विजेंद्र गुप्ता के मुताबिक उन्होंने पहली चिठ्ठी 3 मई 2016 को लिखी थी, जिसके जवाब में मुख्य सचिव ने उन्हें बताया था कि उनके पत्र को संबंधित विभाग में भेज दिया गया है, लेकिन फिर उनके पास कोई जवाब नहीं आया.

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काम करने की नहीं है सरकार की मंशा
गुप्ता ने इसके बाद जून और अगस्त में दो दिन पहले फिर मुख्य सचिव को चिठ्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने ये भी लिखा है कि सरकार जानबूझकर वकीलों को किए गए भुगतान की जानकारी छुपा रही है. गुप्ता के मुताबिक दिल्ली सरकार की मंशा विकास के काम करने की नहीं है, बल्कि वह केंद्र के साथ टकराव करके और कोर्ट के मुकदमों में टाइम खराब कर रही है. इसीलिए वकीलों पर खूब खर्चा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल और पैनल के वकीलों के पारिश्रमिक में करीब 600 फीसदी बढ़ोतरी कर दी गई है.

भ्रम फैलाने का लगाया आरोप
गुप्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी अब हाईकोर्ट के फैसले को लेकर लोगों के बीच भ्रम फैला रही है कि बिजली-पानी की समस्या के लिए भी लोगों को अब एलजी के पास जाना होगा. दिल्ली की जनता ने इन लोगों को दिल्ली की सेवा के लिए चुना है, विकास के कामों के लिए चुना है, लेकिन दिल्ली की भलाई के लिए काम करने के बजाए लोगों के बीच भ्रम पैदा करके अपनी जिम्मेदारी से ये लोग भाग रहे हैं.

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