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इंडो-चीन बॉर्डर के गांव के बच्चे घूम रहे अपने देश की राजधानी

भारत तिब्बत सीमा पुलिस के सौजन्य से अरुणाचल प्रदेश के अंजाओ जिले से 29 बच्चों और 2 शिक्षकों के दल ने आज गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू से नार्थ ब्लॉक में मुलाकात की दरअसल इन बच्चों को जो सुदूर भारत चीन सरहद के पास के गांव में रहते हैं उनको दिल्ली तक लाने में ITBP का बहुत बड़ा ही योगदान रहता है.

सरहद के गांव के बच्चे घूम रहे अपने देश की राजधानी दिल्ली सरहद के गांव के बच्चे घूम रहे अपने देश की राजधानी दिल्ली
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:47 AM IST

भारत-चीन सीमा की सरहद अरुणाचल प्रदेश में सैकड़ों किलोमीटर तक जुड़ती है. चीन अरुणांचल में अपनी चालबाजियों के जरिए भारत के खिलाफ साज़िश रचता रहता है. जिसका जवाब हमारे जवान चीन को देते रहते हैं. भारत चीन-सरहद की निगहबानी करने वाले ITBP के जवान जहां अरुणांचल में चीन की चालबाजियों पर कड़ी निगरानी रखते है. तो वहीं ITBP के जवान सिविक एक्शन कार्यक्रमों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.

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भारत तिब्बत सीमा पुलिस के सौजन्य से अरुणाचल प्रदेश के अंजाओ जिले से 29 बच्चों और 2 शिक्षकों के दल ने गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू से नार्थ ब्लॉक में मुलाकात की दरअसल इन बच्चों को जो सुदूर भारत चीन सरहद के पास के गांव में रहते हैं उनको दिल्ली तक लाने में ITBP का बहुत बड़ा ही योगदान रहता है. इन 29 बच्चों में से 14 छात्राएं हैं और 15 छात्र शामिल हैं.

दरअसल मोदी सरकार के आने के बाद बॉर्डर एरिया के जो गांव हैं उनको दिल्ली से जोड़ने का काम किया जा रहा है. इस मौके पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि 'बॉर्डर एरिया के बच्चों को यहां लाकर एक तरीके का संदेश भी है और कर्तव्य भी है. ITBP यहां पर बच्चों को लाकर घुमाती है जो कि बच्चों के लिए बहुत बड़ी चीज है.' दरअसल बॉर्डर से के गांवों जोड़ने का काम लगातार यह सरकार कर रही है. जिनका पहले ध्यान नहीं दिया जाता था.

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कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह जब उत्तराखंड गए थे, तो उन्होंने यह बात कही थी की बॉर्डर एरिया से जुड़े हुए जो लोग हैं वह हमारे 'स्ट्रैटेजिक एसेट्स' हैं. यानी बॉर्डर एरिया के लोग भारत सरकार के लिए काफी अहम हैं. इसी महत्वपूर्ण काम के तहत ITBP के जवान लगातार हर साल बॉर्डर एरिया से जुड़े हुए लोगों के लिए सिविक कार्यक्रम तो चलाते हैं. साथ ही यहां पर जो बच्चे रहते हैं. उनको अलग-अलग जगहों पर ले जाकर देश भ्रमण भी कराते है, जिससे कि उनको यह पता चले की बॉर्डर से सुदूर दिल्ली में आखिर क्या-क्या उनके विकास के लिए चल रहा है.

 

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