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विशाखापट्टनम कांड: जानें- क्या है स्टाइरीन गैस, कैंसर फैलने का है खतरा

स्टाइरीन गैस एक पॉलीमर कंपाउंड है जिसका इस्तेमाल पॉलीमर/प्लास्टिक/रेजिन बनाने में होता है. इसे पेट्रोकेमिकल रिफाइनरी में बनाया जाता है. इस गैस से कैंसर फैलने का खतरा होता है. यह गैस ऑक्सीजन के साथ रिएक्शन कर स्टाइरीन डायऑक्साइड बनाती है जो बहुत जानलेवा है. स्टाइरीन के खतरे को देखते हुए इसे 'हैजार्डस एंड टॉक्सिक केमिकल' की दर्जे में रखा गया है.

गैस लीक कांड का भयावह मंजर (PTI) गैस लीक कांड का भयावह मंजर (PTI)
आशीष पांडेय
  • हैदराबाद,
  • 07 मई 2020,
  • अपडेटेड 1:21 AM IST

  • गैस लीक दुर्घटना में 11 की मौत, 20 से ज्यादा गंभीर
  • 300 से ज्यादा लोग अस्पताल में दाखिल, कई डिस्चार्ज

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में 7 मई को तड़के ढाई बजे स्टाइरीन गैस का रिसाव हुआ. गैस का रिसाव एलजी पॉलीमर्स इंडिया प्रा. लि. कंपनी में हुआ. जहरीली गैस से अब तक 11 लोगों की मौत हुई है और कई लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.

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क्या है स्टाइरीन गैस?

स्टाइरीन गैस एक पॉलीमर कंपाउंड है जिसका इस्तेमाल पॉलीमर/प्लास्टिक/रेजिन बनाने में होता है. इसे पेट्रोकेमिकल रिफाइनरी में बनाया जाता है. इस गैस से कैंसर फैलने का खतरा होता है. यह गैस ऑक्सीजन के साथ रिएक्शन कर स्टाइरीन डायऑक्साइड बनाती है जो बहुत जानलेवा है. स्टाइरीन के खतरे को देखते हुए इसे 'हैजार्डस एंड टॉक्सिक केमिकल' के दर्जे में रखा गया है.

स्टाइरीन गैस का असर

लोगों के इस गैस के प्रभाव में आते ही आंखों से पानी आने और उल्टी होने जैसी समस्या सामने आती है. फेफड़े में गैस की ज्यादा मात्रा चली जाए तो नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है. इससे सिरदर्द, थकान, कमजोरी, डिप्रेशन, दिमाग का काम करना बंद होना, सुनने में परेशानी जैसी दिक्कतें महसूस की जा सकती हैं. शरीर में स्टाइरीन गैस की मात्रा 800 पीपीएम से ज्यादा हो जाए तो बीमार आदमी कोमा में जा सकता है.

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अगर ये लक्षण दिखें तो क्या करें?

  • जिस स्थान पर गैस का रिसाव हुआ हो, वहां से तुरंत निकलें.
  • आंखों को पानी से अच्छी तरह धोएं.
  • जिस कपड़े पर गैस का असर हुआ हो, उसे तुरंत उतार कर फेकें.
  • जो लोग प्रभावित हैं उनके आसपास न रुकें. निश्चित कर लें कि प्रभावित व्यक्ति को सांस लेने के लिए उचित हवा मिल रही हो.
  • अगर लक्षण गंभीर न भी हों तो इस मामले को हलका न लें.
  • अगर गैस रिसाव से प्रभावित किसी व्यक्ति में ऐसे कोई लक्षण दिखें तो उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाएं.
  • प्रभावित इलाके में बिल्कुल न जाएं. ऐसा कर के आप आपदा प्रबंधन में लगे लोगों की मदद कर सकते हैं.

क्या है मामला?

विशाखापट्टनम में गुरुवार तड़के लगभग 2.30 बजे गैस रिसाव शुरू हुआ. उस वक्त लोग गहरी नींद में थे और उन्हें सांस लेने में भारी दिक्कत महसूस हुई. कई लोग नींद से अचानक जगे और बाहर भागने लगे. भागने के क्रम में लोग बेहोश हो गए. बाद में घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने इधर-उधर गिरे लोगों को अस्पताल पहुंचाया. कई लोगों को नींद से जगाकर बाहर निकाला गया.

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शुरुआती जांच रिपोर्ट में पता चला कि गैस वाल्व में दिक्कत के कारण हादसा हुआ. बुधवार और गुरुवार की दरम्यानी रात 2.30 बजे गैस वाल्व खराब हो गया और जहरीली गैस लीक कर गई. विशाखापट्टनम नगर निगम कमिश्नर श्रीजना गुम्मल्ला ने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार पीवीसी या स्टाइरीन गैस का रिसाव हुआ है. रिसाव की शुरुआत देर रात 2.30 बजे हुई. गैस रिसाव की चपेट में आस-पास के सैकड़ों लोग आ गए और कई लोग बेहोश हो गए.

ग्रेटर विशाखापट्टनम नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक, "कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के कारण बंद हुई केमिकल यूनिट को गुरुवार सुबह फिर से शुरू किया गया. कुछ समय बाद टैंकों में जमा गैस लीक होने लगी और तीन किलोमीटर के दायरे में फैल गई." अधिकारियों के अनुसार, "स्टाइरीन और पेंटाइन गैसें संभवत: दुर्घटना का कारण बनीं."

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