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गोवा में BJP की साख दांव पर, आज सभी 40 सीटों पर डाले जा रहे वोट

इस बार कुल 251 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें से 19 महिला उम्मीदवार हैं. सबसे ज्यादा 12 प्रत्याशी वेलिम सीट पर लड़ रहे हैं. केलनगुटे सीट पर सिर्फ 3 ही उम्मीदवार हैं. आम आदमी पार्टी 39 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बीजेपी ने 36 प्रत्याशियों पर दांव लगाया है, कांग्रेस के कुल 37 उम्मीदवार मैदान में हैं. एमजीपी 25 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि एनसीपी ने 17 सीटों पर प्रत्याशियों को टिकट दिया है.

गोवा में किसे चुनेंगे वोटर? गोवा में किसे चुनेंगे वोटर?
सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 03 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 7:55 AM IST

आज गोवा के सियासी भविष्य का भी फैसला होना है. छोटा राज्य होने के बावजूद चुनावी पंडितों की नजर यहां की चुनावी जंग पर है. ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव बीजेपी खासकर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के लिए नाक का सवाल हैं. आम आदमी पार्टी के अलावा कई हिंदुत्ववादी पार्टियों ने यहां बीजेपी के लिए जीत की राह मुश्किल बना दी है.

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आंकड़ों की नजर में चुनाव
शनिवार को विधानसभा की कुल 40 सीटों के लिए राज्य के 11,10,884 मतदाता वोट डालेंगे. इनमें 5,46,742 पुरुष और 5,64,142 महिला वोटर हैं. यानी गोवा उन चुनिंदा राज्यों में से एक है जहां सत्ता की चाबी महिला वोटरों के हाथ में है. कुल 1,642 मतदान केंद्रों पर सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक वोट डाले जाएंगे.

इस बार कुल 251 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें से 19 महिला उम्मीदवार हैं. सबसे ज्यादा 12 प्रत्याशी वेलिम सीट पर लड़ रहे हैं. केलनगुटे सीट पर सिर्फ 3 ही उम्मीदवार हैं. आम आदमी पार्टी 39 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बीजेपी ने 36 प्रत्याशियों पर दांव लगाया है, कांग्रेस के कुल 37 उम्मीदवार मैदान में हैं. एमजीपी 25 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि एनसीपी ने 17 सीटों पर प्रत्याशियों को टिकट दिया है. इसके अलावा 58 आजाद उम्मीदवार भी टक्कर दे रहे हैं. इस बार सभी 40 सीटों पर ई-बैलेट की सुविधा दी गई है.

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महिला पर्यवेक्षक करवाएंगी चुनाव
इस बार गोवा में चुनाव आयोग ने सिर्फ महिला पर्यवेक्षकों को चुनाव की निगरानी के लिए तैनात किया है. पिछले चुनावों में शिकायतें मिलती रहती थीं कि पुरुष पर्यवेक्षक ड्यूटी छोड़कर कैसिनो, बार और बीच घूमने की ओर ज्यादा ध्यान देते थे.

दिलचस्प है मुकाबला
देश के सबसे खूबसूरत राज्यों में शुमार गोवा में भी इस दफा मुकाबला दिलचस्प है. ज्यादातर चुनावी पंडित इस बार यहां बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच टक्कर की भविष्यवाणी कर रहे हैं लेकिन मौजूदा विधानसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस को भी खारिज नहीं किया जा सकता. इनके अलावा महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, शिवसेना और आरएसएस के बागी नेता सुभाष वेलिंगकर की पार्टी गोवा सुरक्षा मंच की तिकड़ी बीजेपी के हिंदुत्व वोट बैंक में सेंध लगा सकती है.

दागी उम्मीदवार
आमतौर पर गोवा की सियासत को बाकी राज्यों की तुलना में साफ-सुथरा माना जाता है. लेकिन एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के आंकड़े दूसरी तरफ इशारा करते हैं. यहां कुल 251 प्रत्याशियों में से कुल 38 पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इनमें से 19 उम्मीदवार हत्या, अपहरण और बलात्कार जैसे गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं.

कांग्रेस ने 9 दागी उम्मीदवारों को टिकट दिया है. बीजेपी 8 विवादित प्रत्याशियों के साथ इस मामले में दूसरे नंबर पर है. इस बार मैदान में उतरे उम्मीदवारों में से 156 करोड़पति हैं. बीजेपी के 97 फीसदी प्रत्याशी इस श्रेणी में आते हैं. जबकि कांग्रेस के 92 प्रतिशत और आम आदमी पार्टी के 52 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं.

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क्या हैं अहम मुद्दे?
सत्ताधारी बीजेपी को इस बार एंटी-इंकबेंसी से जूझना पड़ रहा है. पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर की साफ छवि से उम्मीदें लगाए बैठी है. हालांकि पार्टी ने सीधे तौर पर सीएम उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है. इससे इतर आम आदमी पार्टी ने एल्विस गोम्स को सीएम कैंडिडेट के तौर पर मैदान में उतारा है.

नोटबंदी से पर्यटन पर पड़ा असर इस चुनाव के सबसे अहम मुद्दों में से एक है. इससे निपटने के लिए बीजेपी ने विकास का मुद्दा बनाया है. पार्टी ने राज्य में पर्यटन के विकास के लिए 15 हजार करोड़ के निवेश का आश्वासन दिया है. दूसरी ओर, कांग्रेस ने राज्य के निवेश बोर्ड की समीक्षा का वायदा किया है.

आम आदमी पार्टी का कहना है कि सत्ता में आने पर उसकी तवज्जो पर्यावरण से जुड़े मसलों पर होगी. इसके अलावा कांग्रेस ने राज्य में सभी कैसिनो बंद करने का भी भरोसा दिलाया है. यही बात आम आदमी पार्टी ने भी अपने मैनिफेस्टो में की है. इसके अलावा भ्रष्टाचार और अवैध खनन भी ऐसे मुद्दों में शामिल है जो वोटर के फैसले को प्रभावित कर सकते हैं.

जीत दोहराएगी बीजेपी?
इंडिया टुडे-एक्सिस सर्वे के मुताबिक बीजेपी 22-25 सीटें जीतकर दोबारा सरकार बना सकती है. जबकि कांग्रेस के खाते में 12-14 सीटें आ सकती हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी के खाते में 2 सीटें आने का अनुमान है.

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क्या कहते हैं पिछले नतीजे?
साल 2012 में बीजेपी ने मनोहर पर्रिकर की अगुवाई में 21 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी. 9 सीटें कांग्रेस के हिस्से में आई थीं और बाकी 10 सीटों पर क्षेत्रीय पार्टियों ने जीत हासिल की थी.

बात 2007 चुनाव की करें तो कांग्रेस 16 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी. बीजेपी ने 14 सीटों पर जीत हासिल की थी. एनसीपी 3 और आजाद उम्मीदवार 2 सीटों पर कामयाब रहे थे. बाकी 5 सीटें क्षेत्रीय पार्टियों के हिस्से में आई थीं.

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