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जाट आंदोलन के कारण दिल्ली में गहराया जल संकट, SC पहुंची केजरीवाल सरकार

रक्षण की मांग पर हरियाणा में चल रहे हिंसक जाट आंदोलन की लपटें दिल्ली को भी झुलसा रही हैं. आंदोलनकारियों ने मुनक नहर से पानी की सप्लाई रोक दी है, जिस कारण पहली बार दिल्ली के 7 प्लांट बंद हो गए हैं.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कपिल मिश्रा उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कपिल मिश्रा
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 20 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 10:59 AM IST

जाट आंदोलन से निपटने के लिए दिल्ली में जहां मैराथन बातचीत का दौर शुरू हो गया है, वहीं रविवार शाम से दिल्ली में जल संकट गहरा सकता है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह के घर शनिवार देर शाम प्रदेश के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और मंत्री कपिल मिश्रा ने बैठक की. सिसोदिया का कहना है कि उनकी सरकार रविवार सुबह के बाद दिल्ली को पानी सप्लाई करने में समक्ष नहीं है. दिल्ली सरकार इस बाबत सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गई है़, जहां रविवार को मामले में सुनवाई हो सकती है.

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दरअसल, आरक्षण की मांग पर हरियाणा में चल रहे हिंसक जाट आंदोलन की लपटें दिल्ली को भी झुलसा रही हैं. आंदोलनकारियों ने मुनक नहर से पानी की सप्लाई रोक दी है, जिस कारण पहली बार दिल्ली के 7 प्लांट बंद हो गए हैं. राज्य के पर्यटन और जल संसाधन मंत्री कपिल शर्मा ने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि राजधानी में रविवार सुबह के बाद एनडीएमसी सहित 60 फीसदी हिस्से में पाइप्ड वाटर की सप्लाई संभव नहीं है.

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली के पास सिर्फ रविवार सुबह तक का ही पानी बचा है. उन्होंने आगे कहा, 'रविवार सुबह के बाद दिल्ली सरकार पानी सप्लाई करने में सक्षम नहीं है. हालात बेहद गंभीर हैं और दिल्ली सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख करने जा रही है.'

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बताया जा रहा है कि मनीष सिसोदिया ने जल संकट के हालात पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात की है, जिसके बाद बाद केंद्र और हरियाणा सरकार ने जल्द मुनक नहर से पानी आपूर्ति शुरू कराने का आश्वासन दिया है.

डायवर्ट किया गया दिल्ली को सप्लाई होने वाला पानी
गौरतलब है कि प्रदर्शन कर रहे जाटों ने मुनक नहर का फाटक बंद कर दिया, जिसके कारण दिल्ली में पानी का संकट पैदा हो गया. शनिवार को गेट बंद हो गए और राजधानी के करीब 60 फीसदी इलाके में पेयजल आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इसकी वजह से दिल्ली जल बोर्ड के 9 में से 7 प्लांट ठप हो गए. राजधानी दिल्ली में भेजे जाने वाले पश्चिमी यमुना लिंक कैनाल का पानी आंदोलनकारियों ने डायवर्ट कर दिया है. गढ़ी बिंदरोली गांव के पास से दिल्ली को सप्लाई होने वाले पानी को ड्रेन नंबर 8 में डायवर्ट किया गया है.

रविवार को SC में हो सकती है सुनवाई
बता दें कि दिल्ली को हरियाणा से हर रोज करीब 1 हजार 85 क्यूसिक पानी सप्लाई किया जाता है. पानी के डायवर्ट करने से दिल्ली में पानी की भारी किल्लत हो सकती है. जल बोर्ड के अध्यक्ष और दिल्ली सरकार के जल मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा है कि साल 2011 में उत्तर प्रदेश में हुए आंदोलन के दौरान पानी व अन्य जरूरी खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व सभी राज्य सरकारों को आदेश दिया था. इसमें कहा गया था कि बुनियादी जरूरत की चीजों की आपूर्ति किसी भी सूरत में प्रभावित नहीं की जानी चाहिए. अब हरियाणा में आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने मुनक नहर का गेट बंद कर यमुना का पानी रोक दिया है. इसलिए हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. अदालत मामले में रविवार को सुनवाई कर सकती है.

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एनसीआर में सब्जी, दूध आपूर्ति पर भी दवाब
पड़ोसी राज्य हरियाणा में जाट आरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन की वजह से परिवहन व्यवस्था बाधित होने से दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में फूलगोभी और आलू जैसी सब्जियों के थोक बिक्री मूल्य मामूली रूप से बढ़े हैं, जबकि दूध की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है.

आजादपुर मंडी के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर विरोध प्रदर्शन जारी रहता है तो राष्ट्रीय राजधानी में सब्जियों की आपूर्ति आगे और प्रभावित होगी. प्रमुख दूध उत्पादक कंपनी 'अमूल' ने पहले ही अपने रोहतक संयंत्र में परिचालन को बंद कर दिया है, जहां पांच लाख लीटर प्रतिदिन दूध उत्पादन क्षमता है. जबकि क्वालिटी लिमिटेड ने कहा है कि उसने अपने सिरसा और फतेहाबाद चिलिंग सेन्टर से दूध संग्रहण का काम रोक दिया है.

प्रदर्शन के कारण परिवहन व्यवस्था बाधित होने से मौजूदा समय में दिल्ली-एनसीआर में दूध की मांग को उत्तर प्रदेश की बढ़ी हुई आपूर्ति से पूरा किया जा रहा है, वहीं सब्जियों की मांग को पड़ोसी राज्य राजस्थान से पूरा किया जा रहा है.

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