
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में नौ फरवरी को हुए देशविरोधी नारेबाजी से बढ़े विवाद पर दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर बी एस बस्सी के मुताबिक उनके पास जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार करने के लिए जरूरी सबूत थे.
डीएसयू की सभी में थे कन्हैया और दूसरे आरोपी
दिल्ली पुलिस की सिचुएशनल रिपोर्ट में लिखा गया है कि नौ फरवरी की शाम उमर खालिद की अगुवाई में डीएसयू से जुड़े 80-100 स्टूडेंट्स जेएनयू के साबरमति ढाबा के पास मौजूद थे. विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक वहां जेएनएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार, अनिर्बाण भट्टाचार्य, उमर खालिद, आशुतोष और अन्य कई प्रदर्शन में शामिल थे.
एबीवीपी-डीएसयू में हुई बहस
इस बीच एबीवीपी से जुड़े 30-40 स्टूडेंट्स उस जगह पहुंचे. डीएसयू की ओर से देशविरोधी नारेबाजी के खिलाफ उन लोगों ने आवाज उठाई. 8:30 बजे शाम को दोनों ही तरफ के स्टूडेंट्स शांतिपूर्वक वापस हो गए. दिल्ली पुलिस को जेएनयू में डीएसयू की गतिविधियों की शिकायत मिली.
विवादित रहे डीएसयू-डीएसएफ के कारनामे
जेएनयू की ओर से 12 नवंबर 2015 को बताया गया था कि कैंपस में अधिकतर लेफ्ट संगठन प्रकृति से सौम्य हैं और प्रतिक्रियावादी नहीं हैं, लेकिन दो छुपे हुए छात्र समूह डीएसयू (डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स यूनियन) और डीएसएफ (डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फ्रंट) हिंसक और प्रतिक्रियावादी है. ये दोनों संगठन देश और समाज विरोधी गतिविधियों मेम लिप्त पाए गए हैं. वैसे तो उनके 19 से भी कम सदस्य हैं. इनके सदस्यों ने कई बार कम्प्यूटर और दीवारों पर नंगी पोस्टर और तस्वीरें लगाकर धार्मिक भावनाओं को आहत किया है.
इन संगठनों की पुरानी गतिविधियां बेहद आपत्तिजनक रही हैं.
ये लोग अफजल गुरु की फांसी को लेकर शोक मनाते रहे हैं.
इन लोगों ने साल 2010 में दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में सीआरपीएफ जवानों की हत्या पर खुशियां मनाई थी.
दुर्गापूजा के दौरान कैंपस में इन लोगों ने महिषासुर की पूजा की.
अपने बैठकों में ये दोनों संगठन कश्मीरी अलगाववादी नेता गिलानी को बुलाते हैं.
हॉस्टल के मेस में ये लोग बीफ मांगते हैं.