
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को कहा कि रक्षा मंत्रालय सियाचिन ग्लेशियर में हिमस्खलन की आशंका से अवगत था. हालांकि उनके पास सटीक स्थान का आकलन नहीं था. इस कमी की वजह से महीने की शुरुआत में हुए हिमस्खलन में 10 सैनिक शहीद हो गए. ‘मेक इन इंडिया वीक’ समारोह से अलग पर्रिकर ने कहा कि हमें सियाचिन ग्लेशियर में हिमस्खलन होने की आशंका थी, लेकिन यह सूचना इस खास स्थान (जहां घटना हुई) के बारे में नहीं थी.
सियाचीन में हो गई 10 शहादत
तीन फरवरी को नियंत्रण रेखा के पास 19,000 फुट की उंचाई पर एक जूनियर कमीशन प्राप्त अधिकारी (जेसीओ) सहित 10 सैनिक उस वक्त बर्फ के नीचे फंस गए थे जब उनकी चौकी हिमस्खलन के चपेट में आ गई थी. वे सभी बर्फ के नीचे दब गए थे. उनमें से सभी सैनिकों को पहले ही मृत घोषित कर दिया गया. बाद में बचावकर्मियों ने लांस नायक हनमंथप्पा कोप्पड को छह दिनों के बाद बर्फ के नीचे जीवित पाया. बाद में इलाज के दौरान 11 फरवरी को उनकी मृत्यु हो गई.
शहीदों के परिवार तक पहुंचाएंगे हर राहत
पर्रिकर ने कहा कि अभी भी वह लड़ाई में होने वाले नुकसान का और हरेक मामले की निजी रुप से मासिक आधार पर निगरानी कर रहे हैं. हम शहीदों के परिजनों को समय पर सारी राहत पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हालांकि, शहादत का मूल्य कोई नहीं चुका सकता.
एफ-16 डील पर जता चुके हैं आपत्ति
अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान दिए जाने के बारे में आई खबर पर उन्होंने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस ने इसकी प्रस्तावित आपूर्ति पर एक अधिसूचना भर जारी की है. उन्होंने कहा भारत ने इस मुद्दे पर अमेरिका के सामने आपत्ति दर्ज करा दी है. अमेरिका इस मामले में विचार कर रहा है.