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ये कैसी परंपरा? देवी पूजा के नाम पर मंदिर में लड़कियों को 15 दिन रखा जाता है टॉपलेस!

मदुरै परंपरा के नाम पर चुनी हुई लड़कियों को मंदिर में 15 दिन तक ‘टॉपलेस’ रखा जाता है. 10 साल से 14 साल तक की उम्र की इन लड़कियों को मंदिर परिसर में ही पुजारी की देखरेख में रहना पड़ता है. इन लड़कियों को अम्मान (देवी जैसे) का स्वरूप माना जाता है. इन लड़कियों को सिर्फ धावानी (लहंगे जैसा कपड़ा) पहनाई जाती है.

देवी पूजा के नाम पर मंदिर में लड़कियों को रखा जाता है टॉपलेस! देवी पूजा के नाम पर मंदिर में लड़कियों को रखा जाता है टॉपलेस!
खुशदीप सहगल/प्रमोद माधव
  • मदुरै,
  • 27 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:42 AM IST

परंपराओं के नाम पर हमारे देश में क्या-क्या नहीं होता. तमिलनाडु के मदुरै स्थित मंदिर से ऐसी ही कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जो हैरान करने वाली हैं. यहां परंपरा के नाम पर चुनी हुई लड़कियों को मंदिर में 15 दिन तक ‘टॉपलेस’ रखा जाता है. 10 साल से 14 साल तक की उम्र की इन लड़कियों को मंदिर परिसर में ही पुजारी की देखरेख में रहना पड़ता है.

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इन लड़कियों को अम्मान (देवी जैसे ) का स्वरूप माना जाता है. इन लड़कियों को सिर्फ धावानी (लहंगे जैसा कपड़ा) पहनाई जाती है. कमर से ऊपर के हिस्से पर कोई कपड़ा नहीं होता, बल्कि सिर्फ कुछ आभूषण पहनाए जाते हैं. करीब 60 गांवों के लोग इस आयोजन के लिए जुटते हैं.

बताया जा रहा है कि लड़कियों को उनके परिवार वाले स्वेच्छा से यहां भेजते हैं. हर साल सात लड़कियों को इस परंपरा के लिए चुना जाता है. लड़कियों को टॉपलेस रखने की जानकारी मदुरै के कलेक्टर तक पहुंची तो उन्होंने गंभीर रुख अपनाया.

कलेक्टर ने परंपरा में हिस्सा लेने वाली लड़कियों को पूरी तरह कपड़े से ढकने के निर्देश दिए. कलेक्टर के मुताबिक ये क्योंकि लोग अपनी संस्कृति के तहत खुद लड़कियों को यहां भेजते हैं, बरसों से ये परंपरा चली आ रही है, इसलिए इस पर रोक नहीं लगाई जा सकती. कलेक्टर ने ये सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि लड़कियों से किसी तरह का दुर्व्यवहार ना हो.

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कलेक्टर ने लड़कियों के परिवार वालों से कहा है कि वो 15 दिन तक खुद भी मंदिर में रहे जिससे लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. परिवार की महिलाओं को दिन के समय लड़कियों से मिलने के लिए भी कहा गया है.   

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