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बजट में टैक्स की वो 6 अहम बातें जिन्हें जेटली ने बताया ही नहीं

बजटों में अक्सर वह नहीं होता जो वित्त मंत्री पढते हैं बल्कि असली बजट आंकडों और प्रावधानों के बीच छिपा होता है. टैक्स से जुड़ी इन 6 बातों को वित्त मंत्री ने भले अपने भाषण में शामिल नहीं किया लेकिन इन्हें जानना बेहद जरूरी है...

टैक्स की इन बातों को जेटली ने बजट स्पीच में शामिल नहीं किया टैक्स की इन बातों को जेटली ने बजट स्पीच में शामिल नहीं किया
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 7:43 AM IST

बजटों में अक्सर वह नहीं होता जो वित्त मंत्री पढते हैं बल्कि असली बजट आंकडों और प्रावधानों के बीच छिपा होता है.

जेटली का यह बजट इस पैमाने पर पिछले कई बजटो में सबसे खास है.

अब जानिये वह जो वित्त मंत्री ने आपको नहीं बताया

किराये पर कटेगा टीडीएस
1. अगर आप 50,000 रुपये से अधिक का किराया देते हैं तो पांच फीसदी का आयकर काट (टीडीएस) कर किराया देना होगा. इस तरह के भुगतान आम लोगों को करने होंगे इसलिए उन्हें टैन (टीडीएस आइडेंटिफिकेशन) नंबर लेने की जरुरत नहीं होगी और उन्हें यह टीडीएस पूरे साल के किराये पर एक बार काटना होगा. मकान मालिक को इस टीडीएस का लाभ अपनी आय में मिल जाएगा.

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तीन लाख रुपये अधिक दैनिक भुगतान पर भारी पेनाल्टी
2. तीन लाख से ऊपर के नकद भुगतानों पर पाबंदी लगाने का प्रावधान आ गया है. वित्त विधेयक के अनुसार सीमा एक व्यक्ति पर एक दिन में कुल तीन लाख रुपये से अधिक के भुगतान नहीं कर सके. एक भुगतान तीन लाख रुपये से अधिक का नहीं होगा और किसी एक मद में तीन लाख रुपये से अधिक का भुगतान नहीं हो सकेगा.

यह नियम बैंकों, पोस्ट ऑफिस, कोऑपरेटिव और अन्य निर्धारित संस्थाओं व एजेंसियों पर लागू नहीं होगा. आयकर कानून में जोड़ी जा रही नई धारा (271 डीए) के तरह नियम तोड़ने वाले भुगतान की निर्धारित सीमा से अधिक राशि के बराबर का जुर्माना लगेगा. हालांकि उन लोगों को जुर्माना नहीं देना होगा जो इस नियम को तोड़ने का उचित कारण सबित कर सकेंगे.

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अर्थात जुर्माना तय करने का अधिकार इनकम टैक्स के ज्वा्इंट कमिश्नर के हाथ में होगा जो कि इंस्पेक्टर राज है.

रिटर्न भरने में देरी तो जुर्माना
3. अगले साल से रिटर्न समय पर भरियेगा या फिर 10,000 तक रुपये का जुर्माना भरने को तैयार रहियेगा. आयकर कानून में नई धार (23एफ) के तहत अगर

- रिटर्न भरने के आखिरी तारीख निकलने के बाद 31 दिन तक रिटर्न भरने पर जुर्माना होगा 5000 रुपये

- और इसके बाद 10,000 रुपये का जुर्माना

यह प्रावधान अगले साल एक अप्रैल 2018 से लागू होंगे और 2018-19 के एसेसमेंट इयर में प्रभावी होंगे.

कारोबारी कैश पर सख्ती
4- नकद में कारोबार करने पर कारोबारियों को मिलने वाली आयकर रियायतें कम हो जाएंगी. यदि कोई कारोबार जमीन या वित्तीय उपकरण (कैपिटल एक्सपेंडीचर)आदि खरीदने के लिए एक दिन में 10,000 रुपये से ज्यापदा भुगतान करता है तो उसे निर्धारित आयकर छूट नहीं मिलेगी जो डेप्रीशियेशन के नियमों के तहत मिलती है. ठीक इसी तरह खर्च के बदले लाभ पर आयकर छूट का प्रावधान भी सख्त किया गया है. 20,000 रुपये से अधिक के नकद भुगतान पर कर रियायत नहीं मिलेगी.

पैन को लेकर और सख्ती
5- अब सभी तरह के भुगतान जिन पर टीडीएस लगता है उनके लिए पैन अनिवार्य हो गया है. यदि ऐसा नहीं हुआ तो दोगुना टीडीएस वसूला जाएगा.

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अकाउंटेंट पर सख्ती
6. गलत सूचना देने पर अकाउंटेंड, मर्चेंट बैंकर और कॉस्ट अकाउंटेंट को देनी होगी पेनाल्टी

 

 

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