
स्वतंत्र भारत में असैनिक संघर्ष के इतिहास में ऑपरेशन ब्लू स्टार सबसे खूनी लड़ाई थी. अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर के पास अपने हथियारबंद साथियों के घेरे में छिपे बैठे भिंडरावाले और उसकी छोटी-सी टुकड़ी को काबू करने के लिए सेना ने अभियान चलाया. इसे ऑपरेशन ब्लू स्टार का नाम दिया गया.
इंदिरा गांधी ने दिया था ऑपरेशन का आदेश
इस ऑपरेशन में मशीनगन, हल्की तोपें, रॉकेट और आखिरकार लड़ाकू टैंक तक आजमाने पड़े. इस ऑपरेशन में सिखों का सर्वोच्च स्थल अकाल तख्त भी तबाह हो गया. स्वर्ण मंदिर से उग्रवादियों का सफाया करने का आदेश तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने दिया था. ऑपरेशन ब्लूस्टार में 83 सेनाकर्मी और 492 नागरिक मारे गए थे.
ऑपरेशन ब्लूस्टार की खबर आते ही सिखों में बवाल मच गया. सेना की कुछ इकाइयों में बगावत हो गई. इंदिया गांधी को जान से हाथ धोना पड़ा. उसी साल 31 अक्तूबर को दो सिख अंगरक्षकों ने उन्हें गोली मार दी.
उसके बाद देश भर में गुस्साई भीड़ ने 8,000 से ज्यादा सिखों को मौत के घाट उतार दिया. उनमें से तीन हजार सिर्फ दिल्ली में मारे गए. इस सांप्रदायिक संहार ने पंजाब में और एक दशक के लिए विद्रोह की आग को हवा दी.