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Budget 2016: सरकार ने मांगी आम बजट पर राय, जनता ने दिए ये सुझाव

केंद्र सरकार ने जनता से आम बजट पर राय मांगी थी, जिसके लिए 2 हजार से ज्यादा लोगों ने अपने सुझाव दिए हैं. जानते हैं इस बार के बजट में सरकार से क्या चाहती है जनता...

सरकार की मांग पर जनता ने भेजी अपनी राय सरकार की मांग पर जनता ने भेजी अपनी राय
स्वाति गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 09 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 7:07 PM IST

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2016-17 के आम बजट के लिए लोगों से राय मांगी थी. बजट तैयार करने में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के इरादे से यह कदम उठाया गया था.

इसके लिए सरकार ने पिछले वर्ष mygov.in पर लोगों से उनके सुझाव मांगे थे. नागरिकों से मिले विचार और प्रस्ताव को वित्त वर्ष 2015-16 के केंद्रीय और रेल बजट में शामिल किया गया था. इसी तर्ज पर वित्त वर्ष 2016-17 के बजट के लिए भी सुझाव मांगे गए थे जिस पर अब तक 2000 से ज्यादा लोगों ने अपनी राय ज‍ाहिर की है.

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एक तरफ वित्त मंत्रालय ने बजट बनाने की तैयारी शुरू कर दी है, तो दूसरी तरफ आम जनता भी कई तरह की उम्मीद लगाए है. आइए जानते हैं इस बजट से क्या चाहती है आम जनता-

बढ़ाई जाए टैक्स छूट की सीमा
बजट 2016-17 में ज्यादातर लोगों ने इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने की मांग की है. इनकम टैक्स पेयर्स चाहते है कि टैक्स छूट की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर 5 लाख तक कर दी जाए. वहीं, कुछ लोग ये भी चाहते हैं कि इनकम स्लैब के लिए टैक्स की दर में 3-4 फीसदी तक की कटौती की जाए.

कृषि क्षेत्र पर ज्यादा जोर देने की मांग
किसानों और उनके अनाजों को बाजार में उचित रकम न मिल पाने पर भी लोगों ने चिंता जाहिर की. लोग चाहते हैं कि इस बार के बजट में कृषि उत्पादों की मार्केटिंग के लिए ज्यादा रकम के दी जाए. बजट में खासतौर पर किसानों के लिए फसल बीमा का प्रीमियम और घटाया जाने की मांग की गई है.

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डिजिटाइजेशन के जरिए ई-करेंसी को बढ़ावा
इस वेबसाइट पर प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना 'डिजिटल इंडिया' से जुड़ी हुई कई मांगें की गई हैं. लोग चाहते हैं कि डिजिटाइजेशन को और बढ़ावा मिले. पोस्टल सर्विस को डिजिटल बनाने के साथ-साथ यूटिलिटी बिल पेमेंट और टैक्स पेमेंट को और आसान बनाने की भी मांग की गई है. इसके जरिए भारत को कैशलेस इकोनॉमी बनाने में मदद मिलेगी.

मेक इन इंडिया प्रोडक्ट्स को बढ़ावा
मेक-इन-इंडिया के सशक्तिकरण के लिए लोगों ने सुझाव दिया है कि इसकी शुरुआत सबसे पहले सरकारी अधिकारी और वीआईपी से की जानी चाहिए. इनके लिए सिर्फ भारत में बनी कारों में सफर करना अनिवार्य कर दिया जाए. इसके अलावा आईटी मिनिस्ट्री की ओर से कंप्यूटर, लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स को भारत में बनाने पर विशेष छूट देने की भी मांग की गई है.

इन सुझावों का रखें खास ख्याल
इसके अलावा भी आम जनता ने कई तरह की मांगें रखी हैं जिसमें पासपोर्ट का रिन्युअल पहले से आसान बनाने, डीजल कारों पर पॉल्यूशन सेस लगाने और उन लोगों को बढ़ावा देने की मांग की गई है जो लोग टैक्स समय पर भरते हैं.

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