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इसमें कुछ नया नहीं कि जब आप किसी एक जगह ज्यादा वक्त के लिए काम करते हैं, तो मुमकिन है कि आपका बॉस आपसे उम्र में छोटा हो. ऐसे में उम्र का यह फासला कामकाज के मोर्चे पर दिक्कतें पैदा कर सकता है. जानें कम उम्र के बॉस के साथ सुख-चैन के साथ कैसे काम किया जा सकता है:
जल्दबाजी नहीं :
अगर बॉस नौजवान है, तो खराब बॉस होगा, ऐसी धारणा बिल्कुल भी नहीं बनाए. सकारात्मक सोचिए. खुद से उम्र में छोटा बॉस एक भावनात्मक मामला है, तो इससे भावनात्मक ढंग से ही निपटना होगा. अगर ऐसा नहीं कर पाएंगे, तो कामकाज पर असर होगा.
अपनी अक्ल लगाइए :
ऑफिस में आम तौर पर सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास किया जाता है. उम्र ज्यादा है, तो काम की रफ्तार कम होगी, उम्र कम है, तो स्मार्टफोन से चिपका रहता होगा, ये सभी धारणाएं हैं, जिनसे दूर रहिए. हमारे जमाने में ऐसा होता था, इन बातों का इस्तेमाल करने से भी कोई फायदा नहीं होगा. नई चीज, नए शख्स को नए नजरिए से देखिए-परखिए.
सम्मान जरूरी:
भले बॉस उम्र में आपसे कम होगा, लेकिन अगर वो काबिलियत ना होती, तो वो इस ओहदे तक नहीं पहुंचता. मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इससे उसकी दक्षता पर सवाल नहीं उठता. अगर कम उम्र होने के बावजूद बॉस मजबूत नेतृत्व और सकारात्मक साझेदारी मुहैया कराता है, तो उम्र से कोई फर्क नहीं पड़ता.
बदलाव के लिए तैयार:
दिमाग खुला रखिए और कामकाज करने को लेकर रवैया हमेशा लचीला रखिए. कम उम्र वाले बॉस आम तौर पर बैठकों के बजाय फोन, मेल पर ज़्यादा बातचीत करना पसंद करते हैं. अगर आप बॉस को साझेदार और सहयोगी की तरह समझेंगे, तो उसकी दिक्कतें भी समझ पाएंगे और समाधान भी खोजने में मदद देंगे
बॉस को सिखाइए :
अपने से कम उम्र के बॉस को सिखाने को मदद देने का सबसे अच्छा तरीका उसे वो बताना है, जो वो नहीं जानता. ऑफिस में आप पहले से काम कर रहे हैं, तो आपके ज़रिए बॉस तक कई अहम जानकारी पहुंच सकती हैं. सिर्फ जानकारी दीजिए, उसके साथ सलाह या लेक्चर जैसा कुछ मत दीजिए बात करें, बात बनेगी
बात करें, बात बनेंगी:
आपकी और बॉस की उम्र में कितना भी अंतर क्यों ना हो, सबसे ज्यादा जरूरी बात है कि आप दोनों के बीच तालमेल होना चाहिए. और उसके लिए बातचीत होना बेहद जरूरी है. आपसे क्या उम्मीद की जा रही है, ये जानना बेहद जरूरी है.
संवेदनशील रहें:
इतने साल से आपने जो जानकारी और अनुभव कमाया है, उसके साथ चुप रहना कुछ मुश्किल है, लेकिन कोशिश कीजिए. ऐसे व्यवहार से बचिए, जो युवा पीढ़ी को नाराज करें. अपने मैनेजर की तुलना अपने बच्चों से कभी मत करिए. ऐसा भी मत जताइए कि आप सब कुछ जानते हैं.
जैसे हैं, वैसे रहें :
जैसा हमारा बॉस होता है, हम वैसा ही बनने की कोशिश करते हैं. लेकिन यह गलत है, ऐसा ना करें. उम्र में जो फासला है, उसे कपड़े या रहन-सहन बदलकर भी नहीं बदला जा सकता. ऐसा करने से आप पर ज्यादा सवाल उठेंगे, जो बेहतर नहीं. अपने बॉस को जानने के लिए आप कॉफी या दूसरा कोई ब्रेक ले सकते हैं.
सौजन्य: NEWSFLICKS