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प्राइवेसी पर कोर्ट में Facebook ने कहा- पसंद नहीं तो यूज न करें WhatsApp

फेसबुक और व्हाट्सऐप के डेटा प्रोटेक्शन पर सुप्रीम कोर्ट में पिटिशन दाखिल की गई थी. इसमें दावा किया गया था कि फेसबुक और व्हाट्सऐप पर यूजर का डेटा प्रोटेक्ट नहीं होता है.

व्हाट्सऐप (रॉयटर्स) व्हाट्सऐप (रॉयटर्स)
Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 28 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 12:11 PM IST

व्हाट्सऐप ने पिछले साल आखिर में अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव किया था. इस पॉलिसी के तहत व्हाट्सऐप यूजर्स के नंबर और डीटेल्स फेसबुक के साथ शेयर होगा. यूजर्स को कुछ दिन की मोहलत दी गई, लेकिन फिर इस प्राइवेसी पॉलिसी को ऐक्सेप्ट करना आवश्यक कर दिया गया. इसके खिलाफ मामला कोर्ट तक गया और जर्मनी कोर्ट ने इसपर रोक लगा दी.

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फेसबुक और व्हाट्सऐप के डेटा प्रोटेक्शन पर सुप्रीम कोर्ट में पिटिशन दाखिल की गई थी. इसमें दावा किया गया था कि फेसबुक और व्हाट्सऐप पर यूजर का डेटा प्रोटेक्ट नहीं होता है.

व्हाट्सऐप की तरफ से वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा है कि मैसेज और वॉयस कॉल एंड यू एंड एन्क्रिप्टेड है और यूजर्स की प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखा गया है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह यूजर्स और व्हॉट्सऐप का कॉन्ट्रैक्ट पूरी तरह से प्राइवेड डोमेन में है. इसलिए संवैधानिक तौर पर इस पॉलिसी को सुप्रीम कोर्ट टेस्ट नहीं कर सकता.

इकॉनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक के वकील ने इस मामले पर कोर्ट मे कहा है, ‘जिन्हें ऐसा लगता है कि इस पॉलिसी से उनके मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है या यह पॉलिसी खराब है तो वो इसे छोड़ सकते हैं. हमने यूजर्स को इसके लिए पूरी आजादी दी है’

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एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच से कहा है, ‘हम नए डेटा प्रोटेक्शन के रेग्यूलेटरी व्यव्स्था ला रहे हैं. चुनने की आजादी को प्रोटेक्ट किया जाएगा और इसमें कोई शक नहीं है’

याचिकाकर्ता की तरफ से वकील हरीश साल्वे ने कहा की इस नई पॉलिसी के तहत यूजर्स को ना चाहते हुए भी व्हाट्सऐप और फेसबुक को इजाजत देनी होती है जिसके बाद व्हाट्सऐप के मैसेजों को फेसबुक भी पढ़ सकता है.

जर्मनी में फेसबुक ने फिलहाल के लिए व्हाट्सऐप यूजर्स का डेटा लेना बंद किया है
जर्मनी की हैम्बर्ग डेटा प्रोटेक्शन कमिशनर कैस्पर ने कहा है कि फेसबुक ने न तो यूजर से डेटा ट्रांसफर करने की इजाजत मांगी और न ही यूजर की सहमती उसके पास है. इसके खिलाफ फेसबुक ने कोर्ट में अपील की, लेकिन कोर्ट से कंपनी को निराश हाथ लगी है.

फेसबुक हैमबर्ग ऐडमिनिस्ट्रेटिव कोर्ट से प्राइवेसी रेग्यूलेटर के इस आदेश पर रोक लगाने की सिफारिश की थी. लेकिन कोर्ट ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया है.

इसके बाद मुमकिन है फेसबुक अब जर्मनी में अपनी इस डेटा शेयरिंग पॉलिसी से पीछे हट सकता है. इसका मतलब ये है कि वहां के 35 मिलियन व्हाट्सऐप यूजर्स को अपना डेटा फेसबुक के साथ के साथ शेयर नहीं करना होगा.

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डेटा प्रोटेक्शन कमिशनर कैस्पर ने एक स्टेटमेंट में कहा है, ‘जर्मनी में हर दिन व्हाट्सऐप यूज करने वाले लाखों लोगों के लिए खुशखबरी है क्योंकि अब वो अब अस्हाय नहीं है’

हालांकि फेसबुक कोर्ट की इस रूलिंग को चैसलेंज करने की तैयारी मे है. कंपनी ने कहा है कि इस मामले पर रेग्यूलेशन से बातचीत चल रही है और इस दौरान यूरोप में कंपनी यूजर्स के व्हाट्सऐप डेटा नहीं ले रही है.

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