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कैसे आपके वॉट्सएप में घुसी इजरायली एजेंसी, कौन हुआ शिकार? पढ़ें- INSIDE STORY

इजरायल की साइबर खुफिया कंपनी एनएसओ ग्रुप की ओर से भारतीय मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकारों को स्पाइवेयर द्वारा टारगेट कर उनकी जासूसी की गई. गुरुवार को जब ये मामला सामने आया तो विपक्ष ने एक बार फिर मोदी सरकार को निशाने पर लिया.

वॉट्सएप जासूसी पर राजनीतिक बवाल! वॉट्सएप जासूसी पर राजनीतिक बवाल!
अंकित कुमार/ऐश्वर्या पालीवाल/मिलन शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:37 AM IST

  • वॉट्सएप के जरिए जासूसी पर बवाल
  • विपक्ष ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
  • कई पत्रकार, एक्टिविस्ट हुए शिकार

मैसेंजर एप्लीकेशन वॉट्सऐप के जरिए भारत के कुछ पत्रकारों और हस्तियों की जासूसी की खबर ने भारतीय राजनीति में भूचाल ला दिया है. वॉट्सऐप ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि इजरायल की साइबर खुफिया कंपनी एनएसओ ग्रुप की ओर से भारतीय मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकारों को स्पाइवेयर द्वारा टारगेट कर उनकी जासूसी की गई. गुरुवार को जब ये मामला सामने आया तो विपक्ष ने एक बार फिर मोदी सरकार को निशाने पर लिया, लेकिन गृह मंत्रालय ने कहा है कि ये सिर्फ सरकार को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है.

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इजरायली कंपनी के द्वारा Pegasus नाम के स्पाईवेयर से भारतीय पत्रकारों को निशाना बनाया गया, जिसमें 2 दर्जन से ज्यादा पत्रकार, वकील और हस्तियां शामिल हैं. अगर दुनियाभर में इस आंकड़े को देखें तो ये नंबर करीब 1400 तक जाता है. अब Pegasus के दस्तावेज जो सामने आ रहे हैं, उससे ये खुलासा हो रहा है कि ये जासूसी सिर्फ वॉट्सएप तक सीमित नहीं है.

इन दस्तावेज़ों में दावा किया गया है कि Pegasus स्पाइवेर का खेल वॉट्सएप के अलावा सेल डाटा, स्काइप, टेलिग्राम, वाइबर, एसएमएस, फोटो, ईमेल, कॉन्टैक्ट, लोकेशन, फाइल्स, हिस्ट्री ब्राउज़िंग और माइक-कैमरा तक को अपने कब्जे में ले सकता है. इस स्पाइवेर के द्वारा टारगेट किए गए फोन नंबर के कैमरा, माइक के डाटा को इकट्ठा किया जा सकता है.

कागजों के मुताबिक, इसके लिए सिर्फ स्पाइवेर को इन्स्टॉल करने की जरूरत है, जो कि सिर्फ फ्लैश SMS से भी हो सकता है.

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कौन हुए इस खेल के शिकार?

अभी तक जो रिपोर्ट्स सामने आई हैं उनमें भारत के 10 एक्टिविस्ट ने इस बात की पुष्टि की है कि वॉट्सएप की ओर से उन्हें बताया गया है कि उनकी जासूसी हुई थी. इसमें बेला भाटिया, भीमा कोरेगांव केस में वकील निहाल सिंह राठौड़ ने वॉट्सएप से अलर्ट की बात स्वीकारी है, जो कि मई 2019 में दो हफ्ते के अंतराल का था.

इनके अलावा जगदलपुर लीगल एड ग्रुप की शालिनी गेरा, दलित एक्टिविस्ट डिग्री प्रसाद चौहान, आनंद तेलतुम्बडे, शुभ्रांशु चौधरी, दिल्ली के आशीष गुप्ता, दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर सरोज गिरी, पत्रकार सिद्धांत सिब्बल और राजीव शर्मा के नाम भी शामिल हैं. हालांकि, वॉट्सएप ने उन नामों की पुष्टि करने से इनकार किया जो निशाने पर थे, लेकिन इन सभी को सूचित किया गया.

सरकार की ओर से क्या हुआ है एक्शन?

इस मामले के सामने आने के बाद से ही मोदी सरकार एक्शन में आ गई है. केंद्र सरकार ने वॉट्सएप से 4 नवंबर तक इस मामले में सफाई देने को कहा है. केंद्रीय IT मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकार इस मामले में गंभीर है और वॉट्सएप से इस बारे में जवाब मांगा गया है. भारत सरकार लोगों की प्राइवेसी को प्रोटेक्ट करने के लिए तत्पर है.

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उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां प्रोटोकोल के तहत काम करती हैं, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. ये काम राष्ट्रहित में किया जाता है.

दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इस मसले पर सख्त बयान दिया गया है. MHA का कहना है कि मीडिया में वॉट्सएप के जरिए जासूसी की जो खबरें चल रही हैं, वह भारत सरकार की छवि खराब करने का प्रयास है. भारत सरकार नागरिकों की निजता के अधिकार का सम्मान करती है, इस मामले में सख्त से सख्त कदम उठाया जाएगा.

वॉट्सएप की ओर से क्या दिया गया बयान?

इस मामले के बाद वॉट्सएप की ओर से बयान दिया गया है कि भारत में कुछ एक्टिविस्ट और पत्रकार इसका शिकार हुए थे. वॉट्सएप की ओर से अब कैलिफॉर्निया की फेडरेल कोर्ट में इज़रायली साइबर एजेंसी NSO ग्रुप के खिलाफ केस किया गया है. हालांकि, NSO ग्रुप की ओर से कहा गया है कि पूर्व में उनकी ओर से कुछ सॉफ्टवेयर कई सरकारों को दिए गए हैं, हालांकि इसके लिए किसी गलत इस्तेमाल की मनाही भी की गई थी.

इससे पहले पिछले साल एक रिपोर्ट सामने आई थी कि इजरायल की इसी Pegasus एजेंसी के द्वारा सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खस्तोगी की जासूसी करवाई गई थी, जिसकी बाद में तुर्की में हत्या करवा दी गई थी. कनाडा की सिटिजन लैब ने दावा किया है कि Pegasus ने भारत में पत्रकारों के कुछ गैंग को निशाना बनाया गया था.

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विपक्ष ने सरकार को घेरा

इस मामले के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के राहुल गांधी ने इस मसले को राफेल विवाद से जोड़ दिया है, तो वहीं रणदीप सुरजेवाला ने भी निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी सरकार की इस हरकत से वह हैरान नहीं हैं.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट अभिषेक शर्मा का कहना है कि इस मामले में आम आदमी ज्यादा कुछ नहीं कर सकता है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि हैकिंग की तकनीक इतनी ज्यादा एडवांस है कि वॉट्सएप इसमें कुछ नहीं कर पाया. लेकिन वॉट्सएप को ये भी ध्यान रखना चाहिए कि आगे से ऐसा कुछ ना हो. उन्होंने सलाह दी कि लोगों को एप्लिकेशन को समय दर समय अपडेट करते रहना चाहिए.

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