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जयललिता की सेहत पर सस्पेंस कायम, ये हो सकते हैं तमिलनाडु के अगले मुख्यमंत्री

तमिलनाडु के सियासी हलके में जयललिता के उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा तेज है. इनमें ज्यादातर लोगों का इशारा दक्ष‍िण भारतीय अभिनेता अजित कुमार की तरफ है.

अम्मा की सेहत को लेकर दुआओं का दौर जारी अम्मा की सेहत को लेकर दुआओं का दौर जारी

तमिलनाडु की सीएम जयललिता दो हफ्ते से चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं. अपोलो अस्पताल ने गुरुवार को जारी ताजा हेल्थ बुलेटिन में कहा है कि सीएम जयललिता की हालत में सुधार हो रहा है लेकिन उन्हें लंबे समय तक अस्पताल में रहने की जरूरत है. अस्पताल ने कहा है कि जयललिता के इलाज पर एम्स के विशेषज्ञ और ब्रिटिश डॉक्टर रिचर्ड जॉन बीले भी नजर रख रहे हैं. जयललिता को सांस लेने में दिक्कत और डायबिटीज की दवा दी जा रही है. सीएम को एंटीबायोटिक्स भी दी जा रही है.

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तमिलनाडु की जनता खासकर जयललिता के समर्थक 'अम्मा' की वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. जयललिता की खराब सेहत और सरकारी कामकाज से उनकी गैरमौजूदगी को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं. इन सब के बीच तमिलनाडु सरकार के भविष्य को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है.

तमिलनाडु के सियासी हलके में जयललिता के उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा तेज है. इनमें ज्यादातर लोगों का इशारा दक्ष‍िण भारतीय अभिनेता अजित कुमार की तरफ है. जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके का दावा है कि जयललिता ने अपने उत्तराधिकारी और तमिलनाडु के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर अजित कुमार को चुन लिया था.

पनीरसेल्वम नहीं होंगे अम्मा के उत्तराधिकारी!
कहा जा रहा है कि उत्तराधिकारी को लेकर यह फैसला जयललिता की वसीयत में लिखा हुआ है और इस वसीयत से जयललिता के बेहद भरोसमंद सहयोगी अच्छी तरह अवगत भी है. इससे पहले भ्रष्टाचार मामले में जब जयललिता को सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी तो पनीरसेल्वम को सीएम पद का प्रभार सौंपा गया था लेकिन जयललिता के उत्तराधि‍कारी के तौर पर पनीरसेल्वम की संभावना बिल्कुल नहीं है.

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AIADMK कार्यकर्ताओं में लोकप्रिय हैं अजित
68 साल की जयललिता चाहती हैं कि उनका उत्तराधिकारी ऐसा शख्स हो जिसमें लोगों को अपनी ओर खींचने की क्वालिटी हो और उसके भीतर मजबूत नेतृत्व की क्षमता हो. ऐसे में एआईएडीएमके पनीरसेल्वम को लेकर निश्चिंत नहीं है. एक्टर अजित भी जयललिता से करीबी को इच्छुक दिखे हैं. पार्टी के कार्यकर्ता भी अजित को काफी पसंद करते हैं.

अजित को सियासत का अनुभव नहीं
लेकिन, अजित को लेकर सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि उन्हें सियासत का कोई अनुभव नहीं है. ऐसे में यकायक उन्हें राज्य के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपना बेहद कठिन होगा. इस तरह एक विकल्प यह भी है कि अजित कुमार के सीएम पद का चार्ज लेने तक पनीरसेल्वम ही मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी निभाएं. इस वक्त जयललिता की गैरमौजूदगी में सीएम की सलाहकार शीला बालकृष्णन ही शासन और प्रशासन से जुड़े फैसले ले रही हैं और अफसरों को निर्देश दे रही हैं.

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