
थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में थोड़ी बढ़ कर शून्य से 4.54 प्रतिशत नीचे रही. दलहन, सब्जी और प्याज के मंहगा होने से थोक मुद्रास्फीति बढी़ है पर यह लगातार 11वें महीने से शून्य के नीचे है.
अगस्त में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति शून्य से 4.95 प्रतिशत नीचे और सितंबर 2014 में मुद्रास्फीति 2.38 प्रतिशत थी. थोक मुद्रास्फीति नवंबर 2014 से शून्य से नीचे से नीचे है. वहीं सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति भी बढ़कर 4.41 प्रतिशत पर पहुंच गई जबकि एक माह पहले ये 3.74 प्रतिशत थी. खुदरा मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी और थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति का फिलहाल आरबीआई की मौद्रिक नीति पर शायद ही असर हो.
केंद्रीय बैंक ने संकेत दिया है कि वह नीतिगत दर में संशोधन के लिए कुछ और समय तक इंतजार करेगा. पिछले महीने आरबीआई ने नीतिगत दर में उम्मीद से अधिक 0.50 प्रतिशत की कटौती की थी. केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी 2016 के अंत तक 5.8 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी.
इनपुट: भाषा